Rajdeep Sardesai Sacked ? PoK पर विवादास्पद बयान से अटकलें तेज
Rajdeep Sardesai Sacked from IndiaToday ? PoK पर विवादास्पद बयान से अटकलें तेज
सोशल मीडिया पर हाल ही में यह चर्चा जोरों पर है कि वरिष्ठ पत्रकार और इंडिया टुडे के एंकर राजदीप सरदेसाई को चैनल से निकाल दिया गया है। यह अटकलें तब शुरू हुईं जब ABP न्यूज़ की पत्रकार मेघा प्रसाद ने एक X पोस्ट में लिखा, “मीडिया में एक ऊंचे और शक्तिशाली व्यक्ति को बाहर कर दिया गया है,” बिना किसी का नाम लिए। जल्द ही, नेटिज़न्स ने इसकी कड़ी राजदीप सरदेसाई से जोड़ दी, खासकर उनके पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर हाल के विवादास्पद बयान के बाद। यह बयान ऐसे समय में आया जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में राष्ट्रीय भावनाएं उफान पर हैं। हालांकि, इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, और यह स्पष्ट नहीं है कि यह केवल सोशल मीडिया की अफवाह है या इसमें कुछ सच्चाई है। इस लेख में हम इस मामले की गहराई से जांच करते हैं, जिसमें सरदेसाई के बयान, सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएं, उनके पिछले विवाद, और उनकी वर्तमान स्थिति शामिल है।
PoK पर विवादास्पद बयान
इन अटकलों का तात्कालिक कारण सरदेसाई का एक टेलीविज़न डिबेट में दिया गया बयान है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को नियंत्रण रेखा (LoC) को अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में औपचारिक रूप देना चाहिए और PoK को वापस लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं को कम नहीं आंकना चाहिए, क्योंकि ऐसी कोशिशें क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा कर सकती हैं । इस बयान की सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हुई। कई लोगों ने इसे पराजयवादी और राष्ट्र-विरोधी करार दिया, खासकर ऐसे समय में जब भारत में अवैध कब्जे वाले अपने क्षेत्रों को वापस लेने की भावना प्रबल है। आलोचकों ने आरोप लगाया कि सरदेसाई का बयान पाकिस्तान के आख्यान (narrative) को समर्थन देता है, और इसे भय फैलाने वाला बताया ।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
X पर कई पोस्ट्स में दावा किया गया कि सरदेसाई को उनके विवादास्पद बयानों और कथित पक्षपात के कारण इंडिया टुडे से हटा दिया गया है। उदाहरण के लिए, एक यूजर ने लिखा, “क्या राजदीप सरदेसाई को इंडिया टुडे से निकाला गया है? PoK को पाकिस्तान को देने की वकालत करने वाला विवादास्पद बयान निकासी की अटकलों को हवा दे रहा है” (X Post)। एक अन्य पोस्ट में कहा गया, “राजदीप सरदेसाई को इंडिया टुडे से निकाल दिया गया है? विवादास्पद टिप्पणियों के लिए” (X Post)। कुछ यूजर्स ने तो चैनल के मालिक अरुण पुरी पर भी निशाना साधा, उन्हें सरदेसाई जैसे “राष्ट्र-विरोधी” कर्मचारी को रखने के लिए आलोचना की (X Post)। हालांकि, ये सभी पोस्ट्स व्यक्तिगत राय या अनुमान पर आधारित हैं और कोई ठोस सबूत नहीं देतीं।
पिछले विवाद
यह पहली बार नहीं है जब राजदीप सरदेसाई विवादों में घिरे हैं। जनवरी 2021 में, किसान आंदोलन के दौरान गलत जानकारी फैलाने के लिए इंडिया टुडे ने उन्हें दो सप्ताह के लिए ऑफ एयर कर दिया था और एक महीने की सैलरी काट ली थी । सरदेसाई ने दावा किया था कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत पुलिस की गोलीबारी में हुई थी, जबकि बाद में पुष्टि हुई कि उसकी मौत ट्रैक्टर पलटने से हुई थी। इस घटना ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे, और कई लोगों ने उन पर पक्षपातपूर्ण पत्रकारिता का आरोप लगाया था। इसके अलावा, उन्हें अक्सर विपक्षी दलों के प्रति नरम रवैया अपनाने और बीजेपी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आलोचनात्मक रुख अपनाने के लिए आलोचना मिलती रही है ।
हितों का टकराव
सरदेसाई की पत्नी, सागरिका घोष, तृणमूल कांग्रेस (TMC) से राज्यसभा की सांसद हैं, जो सत्तारूढ़ बीजेपी की कट्टर विरोधी पार्टी है। इसने उनकी पत्रकारिता की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। कई आलोचकों का तर्क है कि एक प्रमुख राष्ट्रीय चैनल के वरिष्ठ संपादक से निष्पक्ष रिपोर्टिंग की उम्मीद नहीं की जा सकती, जब उनकी पत्नी विपक्षी दल की सक्रिय सांसद हैं। कुछ का कहना है कि सागरिका घोष की राज्यसभा नामांकन के बाद से सरदेसाई का रुख विपक्ष के प्रवक्ता जैसा हो गया है, और वह मोदी सरकार की आलोचना में मुखर रहे हैं, जबकि विपक्ष की विफलताओं पर चुप्पी साध लेते हैं।
वर्तमान स्थिति
इंडिया टुडे और राजदीप सरदेसाई की ओर से उनकी कथित निकासी के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उनकी प्रोफाइल अभी भी इंडिया टुडे की वेबसाइट पर मौजूद है , और 26 मई 2025 को उनके शो “न्यूज़ टुडे” का एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें मुंबई में समय से पहले आए मानसून की चर्चा थी । इसके अलावा, सरदेसाई X पर सक्रिय हैं, और उनके नवीनतम पोस्ट्स, जैसे कि 27 मई 2025 को मुंबई के मानसून और क्रिकेट पर टिप्पणी, यह संकेत देते हैं कि उनकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
भविष्य की संभावनाएं
यदि ये अटकलें सही हैं, तो राजदीप सरदेसाई उन पत्रकारों की सूची में शामिल हो सकते हैं जिन्हें कथित तौर पर पक्षपातपूर्ण पत्रकारिता के लिए निकाला गया है, जैसे रवीश कुमार, अभिसार शर्मा, और अजीत अंजुम। कुछ का अनुमान है कि वह YouTube जैसे प्लेटफॉर्म पर जा सकते हैं, जहां वह बिना संपादकीय निगरानी के अपनी राय व्यक्त कर सकते हैं, और “असुविधाजनक सवाल” पूछने के लिए पीड़ित का कार्ड खेल सकते हैं। हालांकि, बिना आधिकारिक पुष्टि के, यह कहना मुश्किल है कि उनका भविष्य क्या होगा।
राजदीप सरदेसाई की कथित निकासी की अटकलें सोशल मीडिया पर व्यापक हैं, लेकिन बिना ठोस सबूत के इन्हें केवल अफवाह माना जा सकता है। उनका PoK पर बयान निश्चित रूप से विवादास्पद था और इसने कई लोगों की भावनाओं को आहत किया, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि इसके कारण उन्हें इंडिया टुडे से निकाला गया है। पत्रकारिता में निष्पक्षता और जवाबदेही का सवाल हमेशा महत्वपूर्ण रहा है, और इस मामले ने एक बार फिर इस बहस को हवा दी है। इंडिया टुडे और सरदेसाई की ओर से स्पष्ट बयान के अभाव में, यह स्पष्ट है कि यह मुद्दा अभी भी अनसुलझा है।
डिस्क्लेमर: यह लेख सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं और सार्वजनिक अटकलों पर आधारित है। अभी तक इंडिया टुडे या राजदीप सरदेसाई की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
Sources : Indiatoday , X