Gaurav Gogoi का Pakistan Visit Confession: Himanta बोले – यह तो बस शुरुआत है!
असम में Gaurav Gogoi और हिमंता बिस्वा सरमा के बीच पाकिस्तान दौरे पर विवाद
असम की राजनीति में हाल ही में एक बड़ा विवाद सामने आया है, जिसमें जोरहाट के सांसद और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा आमने-सामने हैं। यह विवाद गोगोई के एक दशक पुराने पाकिस्तान दौरे को लेकर है, जिस पर सरमा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। सरमा का दावा है कि गोगोई ने पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ निकटता बनाए रखी है और इसके सबूत 10 सितंबर को विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट के साथ सार्वजनिक किए जाएंगे।
गोगोई ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि उन्होंने 2013 में पाकिस्तान का दौरा किया था, जब उनकी पत्नी वहां एक जलवायु परिवर्तन परियोजना पर काम कर रही थीं। उन्होंने सरमा के आरोपों को “सी-ग्रेड बॉलीवुड मूवी का प्लॉट” बताकर खारिज कर दिया और कहा कि यह सब 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले उन्हें बदनाम करने की कोशिश है।
पृष्ठभूमि
गौरव गोगोई असम के जोरहाट से कांग्रेस के सांसद हैं और हाल ही में उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के पुत्र हैं और असम की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। दूसरी ओर, हिमंता बिस्वा सरमा असम के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख नेता हैं। सरमा पहले कांग्रेस में थे, लेकिन 2015 में बीजेपी में शामिल हो गए और 2021 में मुख्यमंत्री बने।
यह विवाद फरवरी 2025 में शुरू हुआ, जब बीजेपी ने गोगोई की पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पर पाकिस्तान और आईएसआई से संबंध होने का आरोप लगाया। बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया था कि एलिजाबेथ का संबंध पाकिस्तान प्लानिंग कमीशन के सलाहकार अली तौकीर शेख से है, जिन पर आईएसआई से जुड़े होने का आरोप है। इसके अलावा, बीजेपी ने कहा कि एलिजाबेथ जिस संस्था के लिए काम करती हैं, वह जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित है।
सरमा और बीजेपी के आरोप
हाल ही में, सरमा ने अपने आरोपों को और मजबूत करते हुए कहा है कि गोगोई ने पाकिस्तानी गृह मंत्रालय के निमंत्रण पर पाकिस्तान का दौरा किया था और वहां कई दिन बिताए। उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस बात के विश्वसनीय सबूत हैं और एसआईटी की जांच पूरी होने के बाद 10 सितंबर को सब कुछ सार्वजनिक कर दिया जाएगा।
सरमा ने यह भी आरोप लगाया है कि गोगोई की पत्नी पाकिस्तानी सरकार के वेतन पर थीं और उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच 19 बार यात्रा की है। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि 2015 में गोगोई ने पाकिस्तानी उच्चायोग का दौरा किया और संसद में संवेदनशील रक्षा मुद्दों पर सवाल उठाए।
आरोप |
विवरण |
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पाकिस्तान दौरा |
सरमा का दावा है कि गोगोई ने 2013 में पाकिस्तानी गृह मंत्रालय के निमंत्रण पर दौरा किया और कई दिन वहां बिताए। |
पत्नी के संबंध |
गोगोई की पत्नी पर पाकिस्तानी सरकार से वेतन लेने और आईएसआई से संबंध होने का आरोप। |
उच्चायोग दौरा |
2015 में गोगोई ने बिना अनुमति के पाकिस्तानी उच्चायोग का दौरा किया। |
गोगोई का जवाब
गौरव गोगोई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने पाकिस्तान दौरे की बात स्वीकार की। उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी, जो एक प्रसिद्ध सार्वजनिक नीति विशेषज्ञ हैं, 2013 में दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन पर एक अंतरराष्ट्रीय परियोजना पर काम कर रही थीं। इस परियोजना के तहत, उन्होंने पाकिस्तान में एक साल बिताया, और उसी दौरान गोगोई भी अपनी पत्नी के साथ पाकिस्तान गए थे।
गोगोई ने सरमा के आरोपों को “सी-ग्रेड बॉलीवुड मूवी” की संज्ञा दी और कहा कि 10 सितंबर को यह “फिल्म” फ्लॉप हो जाएगी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर उनके खिलाफ कोई गलत काम हुआ है, तो पिछले 11-12 सालों से केंद्र में सत्ता में बैठी सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं।
उन्होंने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि यह सब उनकी छवि खराब करने की कोशिश है, क्योंकि बीजेपी के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है। गोगोई ने यह भी कहा कि सरमा की पुरानी आदत है कि वे लोगों को गुमराह करते हैं, और उन्होंने पहले भी राहुल गांधी के बारे में ऐसी ही बेतुकी बातें कही थीं।
SIT जांच
असम सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जो 10 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करेगा। सरमा ने कहा है कि सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्ध है और सभी सबूतों को जनता के सामने रखा जाएगा।
सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस विवाद ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी है। कुछ लोगों का मानना है कि यह एक गंभीर मामला है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए, जबकि अन्य इसे राजनीतिक स्टंट मानते हैं। कांग्रेस पार्टी ने गोगोई का समर्थन किया है और आरोपों को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है।
हालांकि, राहुल गांधी की ओर से इस मुद्दे पर कोई सीधा बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सरमा ने उनसे गोगोई को संवेदनशील जिम्मेदारियों से हटाने की मांग की है, जिसे कांग्रेस ने खारिज कर दिया है।
यह विवाद न केवल प्रदेश की राजनीति बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर है। हिमंता सरमा का आरोप है कि अगर एक सांसद सचमुच पाकिस्तान के करीब था, तो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने पारदर्शिता की बात करते हुए कहा है कि जो भी तथ्य हैं, वे जनता के सामने रखे जाएंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी स्थिति में संदिग्ध संबंधों की जांच होनी चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों के मद्देनज़र, सरमा की चिंता को तवज्जो देना जरूरी है। आम आदमी के सामने अलग-अलग बयान-बंधनों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आने वाली SIT रिपोर्ट और राजनैतिक पारदर्शिता इस पूरे मामले की गंभीरता तय करेगी।
यह विवाद असम की राजनीति में 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले तनाव को बढ़ा रहा है। 10 सितंबर को एसआईटी की रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चलेगा कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है। तब तक, यह मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बना रहेगा। क्या यह वास्तव में राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, या सिर्फ राजनीतिक रणनीति? इसका जवाब जल्द ही सामने आएगा।
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स, बिजनेस स्टैंडर्ड टाइम्स ऑफ इंडिया, एनडीटीवी