अक्षय तृतीया 2025: सौभाग्य का दिन, जानें पूरा मार्गदर्शन
हर साल आने वाला एक ऐसा दिन होता है जिसे लोग पूरे दिल से शुभ मानते हैं — वो दिन है अक्षय तृतीया। इस दिन का हिंदू पंचांग में बहुत ही खास महत्व है। इसे हम अक्ती या अखा तीज के नाम से भी जानते हैं।
कब मनाई जाती है अक्षय तृतीया?
अक्षय तृतीया हर साल वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि (तृतीया) को आती है। इस दिन को इतना खास इसलिए माना जाता है क्योंकि कहा जाता है कि इस दिन किया गया कोई भी शुभ काम या निवेश, हमेशा फलदायी और स्थायी होता है। यानी, जो भी आप इस दिन शुरू करते हैं, उसका “अक्षय” यानी कभी न खत्म होने वाला फल मिलता है।
अक्षय तृतीया 2025 की तारीख और समय
इस बार अक्षय तृतीया का पर्व बुधवार, 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त:
सुबह 05:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
कुल अवधि: 6 घंटे 37 मिनट
इस समय के दौरान आप घर में लक्ष्मी-नारायण की पूजा कर सकते हैं, अनाज या वस्त्र दान कर सकते हैं, या फिर कोई नया शुभ काम शुरू कर सकते हैं।
सोना खरीदने का सही समय कब है?
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना एक बहुत ही प्रचलित परंपरा है। इसे समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग गहनों से लेकर सिक्के तक खरीदते हैं ताकि उनका घर धन-धान्य से भरा रहे।
तृतीया तिथि की शुरुआत:
29 अप्रैल 2025 को शाम 05:31 बजे
तृतीया तिथि की समाप्ति:
30 अप्रैल 2025 को दोपहर 02:12 बजे
इस दौरान आप किसी भी समय सोना, चांदी या नई संपत्ति खरीद सकते हैं। बहुत से लोग इसी समय कोई नया बिज़नेस, नया वाहन या घर खरीदने का काम भी शुरू करते हैं।
अक्षय तृतीया का इतिहास: क्यों है ये दिन इतना खास?
अगर आप सोच रहे हैं कि अक्षय तृतीया को इतना शुभ क्यों माना जाता है, तो इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हैं।
एक मान्यता के अनुसार, त्रेता युग की शुरुआत भी अक्षय तृतीया के दिन ही हुई थी। यही वो दिन था जब भगवान परशुराम का जन्म हुआ था — जो विष्णु जी के छठे अवतार माने जाते हैं। इसलिए कई लोग इस दिन को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाते हैं।
एक और कहानी के अनुसार, जब पांडवों को वनवास मिला था, तो भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अक्षय पात्र दिया था — जो कभी खाली नहीं होता था। यही वजह है कि इस दिन को “अक्षय” यानी न खत्म होने वाली समृद्धि से जोड़ा जाता है।
इतना ही नहीं, कहा जाता है कि इसी दिन कुबेर देव ने भगवान शिव की पूजा करके धन के देवता का पद प्राप्त किया था। यही कारण है कि इस दिन पूजा, दान और निवेश को बेहद शुभ माना जाता है।
अक्षय तृतीया पूजा विधि: घर पर ऐसे करें सरल पूजा
अगर आप इस दिन घर पर पूजा करना चाहते हैं, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है। यह पूजा बहुत सरल होती है और सच्चे मन से की जाए तो बड़ा फल देती है।
पूजा विधि:
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घर की सफाई करके सुबह जल्दी स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
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लक्ष्मी-नारायण की मूर्ति या फोटो को एक साफ स्थान पर रखें।
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दीपक जलाएं, गंगाजल या शुद्ध पानी से मूर्तियों को स्नान कराएं।
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चावल, फूल, अक्षत, हल्दी, चंदन और मिठाई से पूजा करें।
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कुबेर मंत्र या श्रीसूक्तम का पाठ करें।
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अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें।
अगर संभव हो तो इस दिन गरीबों को दान करें — जैसे चावल, घी, वस्त्र या जल का दान। इससे पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है।
अगर आप भी इस अक्षय तृतीया पर कोई शुभ काम शुरू करने की सोच रहे हैं, तो ये दिन बिल्कुल उत्तम है। पूजा करें, दान करें और अगर हो सके तो थोड़ा सोना जरूर खरीदें।