Vladimir Putin
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पुतिन का बड़ा बयान: “हमारे पास पूरी ताक़त है, लेकिन परमाणु हथियारों की ज़रूरत न पड़े”

मॉस्को, 4 मई 2025 – रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में एक बयान में कहा कि रूस के पास यूक्रेन में चल रहे युद्ध को इसके तार्किक अंत तक ले जाने के लिए पर्याप्त ताकत और संसाधन हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि परमाणु हथियारों का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह बयान रविवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में दिया गया, जिसमें पुतिन ने रूस, क्रेमलिन और उनके 25 साल के नेतृत्व पर आधारित एक राज्य टेलीविजन की फिल्म में हिस्सा लिया।

यूक्रेन में रूस का लक्ष्य

पुतिन ने फरवरी 2022 में हजारों रूसी सैनिकों को यूक्रेन में भेजने का आदेश दिया था, जिसके बाद से यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे बड़ा जमीनी संघर्ष शुरू हुआ। यह मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच शीत युद्ध के बाद का सबसे बड़ा टकराव है। इस युद्ध में अब तक लाखों सैनिक मारे गए या घायल हो चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे “रक्तपात” करार देते हुए इसे अमेरिका और रूस के बीच एक प्रॉक्सी युद्ध बताया और इसे समाप्त करने की इच्छा जताई।

पुतिन ने 19वीं सदी के रूढ़िवादी सम्राट अलेक्जेंडर तृतीय के चित्र के सामने बोलते हुए कहा, “उन्होंने हमें उकसाने की कोशिश की ताकि हम गलतियाँ करें। लेकिन हमें उन हथियारों (परमाणु) का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं पड़ी, और मुझे उम्मीद है कि आगे भी इसकी जरूरत नहीं होगी।” उन्होंने आगे कहा, “हमारे पास 2022 में शुरू हुए अभियान को रूस के लिए वांछित परिणाम के साथ तार्किक निष्कर्ष तक ले जाने की पर्याप्त ताकत और साधन हैं।”

परमाणु युद्ध का खतरा

पुतिन से जब यूक्रेन युद्ध से परमाणु खतरे के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने इसे पश्चिमी देशों द्वारा रूस को उकसाने की साजिश करार दिया। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, पश्चिमी यूरोपीय नेता और यूक्रेन ने इस आक्रमण को साम्राज्यवादी भूमि हड़पने की कोशिश बताया और रूसी सेनाओं को हराने की कसम खाई। वर्तमान में रूसी सेनाएँ यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर नियंत्रण रखती हैं।

ट्रम्प ने चेतावनी दी है कि यह संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है। पूर्व सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स ने 2022 के अंत में कहा था कि रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ परमाणु हथियारों के उपयोग का वास्तविक खतरा था, हालांकि मॉस्को ने इस दावे को खारिज कर दिया।

पुतिन का नेतृत्व और रूस का दृष्टिकोण

पुतिन, जो 1999 में बोरिस येल्तसिन से राष्ट्रपति पद प्राप्त करने वाले पूर्व केजीबी अधिकारी हैं, जोसेफ स्टालिन के बाद सबसे लंबे समय तक क्रेमलिन के नेता हैं। रूसी असंतुष्ट, जो अब जेल में हैं या विदेश में रह रहे हैं, पुतिन को एक तानाशाह मानते हैं, जिन्होंने चापलूसी और भ्रष्टाचार पर आधारित एक कमजोर शासन व्यवस्था बनाई है, जो रूस को पतन और अशांति की ओर ले जा रही है।

वहीं, पुतिन के समर्थक उन्हें रूस का उद्धारक मानते हैं, जिन्होंने 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद आए अराजकता को समाप्त किया और पश्चिमी देशों के अहंकार के खिलाफ रूस को मजबूत किया। रूसी सर्वेक्षणों के अनुसार, पुतिन की लोकप्रियता 85% से अधिक है।

पुतिन इस युद्ध को मॉस्को और पश्चिम के बीच संबंधों में एक निर्णायक क्षण के रूप में देखते हैं। उनका कहना है कि 1989 में बर्लिन की दीवार गिरने के बाद पश्चिम ने नाटो के विस्तार और रूस के प्रभाव क्षेत्र में अतिक्रमण कर रूस का अपमान किया।

युद्ध का भविष्य

ट्रम्प ने कई हफ्तों से संकेत दिए हैं कि वह मॉस्को और कीव के बीच युद्ध समाप्त करने के लिए समझौते की कमी से निराश हैं। क्रेमलिन का कहना है कि यह संघर्ष इतना जटिल है कि वाशिंगटन द्वारा अपेक्षित तेजी से प्रगति करना मुश्किल है।

यह पोस्ट रूस-यूक्रेन संघर्ष और पुतिन के हालिया बयानों पर आधारित है, जो वैश्विक राजनीति और शांति के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ रखता है।


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