Ranya Rao Gets Bail, लेकिन COFEPOSA के तहत रहेंगी जेल में
Ranya Rao Gets Bail :
कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री रान्या राव और उनके सह-अभियुक्त तरुण कोंडाराजू को बेंगलुरु की आर्थिक अपराध न्यायालय ने हाल ही में एक हाई-प्रोफाइल गोल्ड स्मगलिंग मामले में सशर्त जमानत दे दी। हालांकि, रान्या राव को तत्काल रिहाई नहीं मिलेगी, क्योंकि उनके खिलाफ कंजर्वेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज एंड प्रिवेंशन ऑफ स्मगलिंग एक्टिविटीज एक्ट, 1974 (COFEPOSA) के तहत मामला दर्ज है, जो उनकी रिहाई में बाधा बन रहा है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम इस मामले के सभी पहलुओं, जमानत की शर्तों, और COFEPOSA के तहत चल रही कानूनी प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
गोल्ड स्मगलिंग मामले का पृष्ठभूमि
रान्या राव, जो कर्नाटक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के. रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं, को 3 मार्च 2025 को बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) के अधिकारियों ने उनके पास से 14.2 किलोग्राम विदेशी मूल का सोना जब्त किया, जिसे उन्होंने दुबई से लाया था। अधिकारियों का अनुमान है कि जब्त किए गए सोने की कीमत लगभग 12.56 करोड़ रुपये थी, और रान्या ने इस सोने को अपनी कमर पर पट्टियों के साथ बांधकर सीमा शुल्क (कस्टम ड्यूटी) से बचने की कोशिश की, जिसकी अनुमानित राशि 4.83 करोड़ रुपये थी।
इस मामले में सह-अभियुक्त तरुण कोंडाराजू को 10 मार्च को गिरफ्तार किया गया। DRI ने कोर्ट को बताया कि तरुण ने रान्या के साथ दुबई की यात्रा की थी, और दोनों ने मिलकर इस स्मगलिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया। जांच में यह भी सामने आया कि रान्या ने सोना खरीदने के लिए अवैध हवाला चैनल का उपयोग किया था।
आर्थिक अपराध न्यायालय द्वारा जमानत
20 मई 2025 को, बेंगलुरु की आर्थिक अपराध न्यायालय ने रान्या राव और तरुण कोंडाराजू को सशर्त जमानत दे दी। जमानत की शर्तों के तहत, दोनों को 2-2 लाख रुपये का बॉन्ड और दो-दो जमानतदार प्रस्तुत करने होंगे। इसके अलावा, कोर्ट ने कई सख्त शर्तें भी लागू कीं:
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दोनों अभियुक्तों को देश छोड़ने की अनुमति नहीं होगी बिना कोर्ट की पूर्व अनुमति के।
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उन्हें सभी सुनवाई की तारीखों पर कोर्ट में उपस्थित होना होगा।
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जांच में पूर्ण सहयोग करना होगा।
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साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करने पर सख्त प्रतिबंध।
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भविष्य में इस तरह के अपराध न करने की चेतावनी।
कोर्ट ने साफ तौर पर चेतावनी दी कि इन शर्तों का उल्लंघन करने पर उनकी जमानत रद्द की जा सकती है।
COFEPOSA के तहत चुनौती
हालांकि रान्या राव को गोल्ड स्मगलिंग मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन उनकी रिहाई संभव नहीं है, क्योंकि उनके खिलाफ COFEPOSA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह एक्ट विदेशी मुद्रा के संरक्षण और तस्करी की रोकथाम के लिए बनाया गया है, जो संदिग्ध व्यक्तियों को एक वर्ष तक बिना जमानत के हिरासत में रखने की अनुमति देता है। 22 अप्रैल 2025 को, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (CEIB) ने DRI की सिफारिश पर रान्या और उनके सह-अभियुक्तों के खिलाफ COFEPOSA लागू किया था।
रान्या की मां, एच.पी. रोहिणी, ने इस नजरबंदी आदेश को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उन्होंने दावा किया है कि COFEPOSA के तहत उनकी बेटी की हिरासत अवैध और प्रारंभ से ही अमान्य (void ab initio) है। इस मामले की अगली सुनवाई 3 जून 2025 को होगी, जब केंद्र सरकार को अपना जवाब दाखिल करना है।
जांच और अन्य आरोप
DRI ने कोर्ट में दावा किया कि रान्या राव और उनके सह-अभियुक्त एक बड़े तस्करी नेटवर्क का हिस्सा थे, जिसने 2024 की शुरुआत से भारत में कम से कम 100 किलोग्राम सोने की तस्करी की। इसके अलावा, रान्या पर हवाला लेनदेन के जरिए 38.39 करोड़ रुपये दुबई भेजने का आरोप है, जिसमें बेल्लारी के जौहरी साहिल जैन ने उनकी मदद की।
इस मामले की जांच DRI, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI), और प्रवर्तन निदेशालय (ED) संयुक्त रूप से कर रहे हैं। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस तस्करी नेटवर्क में कर्नाटक के डीजीपी रामचंद्र राव जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों की कोई भूमिका थी।
रान्या राव का गोल्ड स्मगलिंग मामला न केवल एक कानूनी विवाद है, बल्कि यह भारत में तस्करी और हवाला नेटवर्क की जटिलता को भी उजागर करता है। हालांकि उन्हें आर्थिक अपराध न्यायालय से जमानत मिल गई है, लेकिन COFEPOSA के तहत उनकी हिरासत उनकी रिहाई में सबसे बड़ी बाधा है। कर्नाटक उच्च न्यायालय में उनकी मां द्वारा दायर याचिका इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है। यह मामला न केवल रान्या राव के करियर और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर रहा है, बल्कि कर्नाटक पुलिस और प्रशासनिक हलकों में भी सवाल खड़े कर रहा है।
आने वाले दिनों में इस मामले में और क्या मोड़ आता है, यह देखना दिलचस्प होगा। तब तक, रान्या राव और उनके सह-अभियुक्त बेंगलुरु सेंट्रल जेल में रहेंगे, और उनकी कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।