Ayodhya Ram Mandir - Pran Pratishtha Ceremony 2025
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Ayodhya Ram Mandir : राम दरबार की Pran Pratishtha – जून 2025 में होने वाले भव्य समारोह के बारे में सब कुछ

Ayodhya Ram Mandir – Pran Pratishtha :

अयोध्या, भगवान राम की जन्मभूमि, हिंदू धर्म में एक पवित्र स्थल है। वर्षों के इंतजार और संघर्ष के बाद, राम मंदिर का निर्माण एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में सामने आया है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, अब मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा का समय आ गया है। यह समारोह 5 जून 2025 को गंगा दशहरा के शुभ अवसर पर आयोजित होगा। यह आयोजन न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव होगा। इस लेख में, हम आपको इस भव्य समारोह के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।

प्राण प्रतिष्ठा क्या है?

प्राण प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है, जिसमें मूर्तियों में देवता की उपस्थिति को स्थापित किया जाता है। यह समारोह मंदिर के उद्घाटन से पहले किया जाता है, ताकि मूर्तियाँ पूजनीय बन सकें और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान कर सकें। इस प्रक्रिया में वैदिक मंत्रों का जाप, यज्ञ, और विभिन्न अधिवास (जल, अन्न, शैया) शामिल होते हैं। यह अनुष्ठान मूर्तियों को जीवंत बनाता है, जिससे वे भक्तों के लिए आध्यात्मिक केंद्र बन जाते हैं।

राम दरबार का विवरण

राम दरबार में भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, और हनुमान जी की मूर्तियाँ शामिल हैं। ये मूर्तियाँ मंदिर के प्रथम तल के गर्भगृह में स्थापित की जाएंगी। मूर्तियों को सफेद मकराना संगमरमर से बनाया गया है, और इनकी ऊंचाई 4.5 फीट है। जयपुर के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार की गई ये मूर्तियाँ अपनी बारीक कारीगरी के लिए प्रसिद्ध हैं। खास बात यह है कि भगवान राम और माता सीता की मूर्तियाँ एक ही पत्थर से तराशी गई हैं, जो उनकी अटूट एकता का प्रतीक है।

समारोह का कार्यक्रम

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 2 जून से शुरू होकर 5 जून 2025 को समाप्त होगा। यहाँ कार्यक्रम का विस्तृत विवरण दिया गया है:

तिथि

आयोजन

31 मई 2025

परिकोटा के शिव मंदिर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा

2 जून 2025

मंगल कलश यात्रा – संत तुलसीदास घाट, सरयू नदी से शाम 4:00 बजे शुरू, जो लता चौक, राम पथ, हनुमानगढ़ी, बड़ा स्थान, रंगमहल होते हुए राम मंदिर यज्ञ मंडप तक जाएगी। इसमें माँ सरयू की पूजा और यजमान प्रयाश्चित कर्म शामिल होंगे।

3 जून 2025

अनुष्ठान शुरू – सुबह 6:30 बजे से शाम 6:30 बजे तक (दोपहर में 1 घंटे का विश्राम)। इसमें पंचांग पूजन, यज्ञ मंडप पूजन, देव पूजन, ग्रह यज्ञ, अग्नि स्थापन, हवन, और जलाधिवास शामिल होंगे।

4 जून 2025

अनुष्ठान जारी – देव पूजन, अन्नाधिवास, हवन, देव स्नान, प्रसाद स्थानपन्न, ग्राम परिक्रमा, और शैयाधिवास।

5 जून 2025

मुख्य प्राण प्रतिष्ठा – सुबह 11:30 बजे अभिजीत मुहूर्त (11:25 से 11:40 बजे) में सिंह लग्न और सिंह नवमांश में। समारोह दोपहर 1:00 बजे आरती के साथ समाप्त होगा।

तैयारियाँ और अनुष्ठान

इस समारोह में 101 वैदिक पंडित, जिनमें से 100 अयोध्या से और शेष काशी, प्रयाग, और अन्य तीर्थ स्थलों से होंगे, भाग लेंगे। मुख्य आचार्य पं. प्रवीण शर्मा और इंद्रदेव आचार्य होंगे। अनुष्ठान में यज्ञशाला पूजा, वाल्मीकि रामायण का पाठ, वेद मंत्रों का जाप, और पारंपरिक प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान शामिल होंगे। चूंकि मूर्तियाँ 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के दिन स्थापित की जा चुकी हैं, इसलिए अधिवास प्रतीकात्मक रूप से सूत्र का उपयोग करके किए जाएंगे।

तिथि का महत्व

5 जून 2025 को ज्येष्ठ शुक्ल दशमी है, जो गंगा अवतरण की तिथि है और द्वापर युग की शुरुआत का प्रतीक है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस तिथि को गहन विचार के बाद चुना है, ताकि समारोह की पवित्रता और महत्व को बढ़ाया जा सके। यह तिथि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ मानी जाती है।

अतिरिक्त मंदिर और मूर्तियाँ

राम मंदिर परिसर में 14 नए मंदिरों का निर्माण किया गया है, जो भगवान शिव, सूर्य, गणपति, हनुमान, भगवती माँ, अन्नपूर्णा माता आदि को समर्पित हैं। इसके अलावा, सप्त मंडप में गोस्वामी तुलसीदास, महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी, और देवी अहिल्या की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। मंदिर के चार द्वार रामानुज, शंकराचार्य, माधवाचार्य, और रामानंदाचार्य के नाम पर रखे गए हैं, जो आध्यात्मिक एकता का प्रतीक हैं।

भक्तों के लिए दर्शन

समारोह के एक सप्ताह बाद, भक्तों के लिए मंदिर खोला जाएगा। प्रतिदिन 750-1,000 दर्शनार्थियों को प्रवेश की अनुमति होगी। दर्शन और आरती पास श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की आधिकारिक वेबसाइट पर बुक किए जा सकते हैं। मंदिर का समय सुबह 7:00 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक है। आरती का समय सुबह 6:30 बजे (जागरण/श्रृंगार) और शाम 7:30 बजे (संध्या आरती) है।

सुरक्षा व्यवस्था

समारोह के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह ने तैयारियों का जायजा लिया है, और मंदिर परिसर को रेड जोन घोषित किया गया है। तीन शिफ्ट में चौबीसों घंटे निगरानी होगी, और एटीएस कमांडो और बख्तरबंद वाहनों को तैनात किया गया है।

अयोध्या कैसे पहुंचें

अयोध्या पहुंचने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं:

  • हवाई मार्ग: महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, जो मंदिर से 8-10 किमी दूर है।

  • रेल मार्ग: अयोध्या रेलवे स्टेशन अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।

  • सड़क मार्ग: बसें और निजी वाहन आसानी से उपलब्ध हैं।

आवास

अयोध्या में होटल, धर्मशालाएँ, और गेस्ट हाउस उपलब्ध हैं। भक्त अपनी सुविधा के अनुसार आधिकारिक वेबसाइट या अन्य प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुकिंग कर सकते हैं।

भक्तों के लिए सुझाव

  • उचित पोशाक पहनें, जैसे पारंपरिक भारतीय परिधान।

  • मंदिर परिसर में मोबाइल फोन और कैमरे की अनुमति नहीं है।

  • लंबी कतारों से बचने के लिए ऑनलाइन पास बुक करें।

  • मंदिर के नियमों का पालन करें और समय पर पहुंचें।

निष्कर्ष

राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा समारोह अयोध्या और पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक घटना है। यह समारोह मंदिर की भव्यता को और बढ़ाएगा और भक्तों को भगवान राम के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने का अवसर प्रदान करेगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस आयोजन को वैदिक परंपराओं के अनुसार आयोजित करने के लिए व्यापक व्यवस्थाएँ की हैं। भक्तों को इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने के लिए उचित योजना बनानी चाहिए।


Sources: ram.mandir.co.in , ayodhyaregistration.com , ayodhyacity.co.in

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