Bhool Chuk Maaf Review (Image Source - Maddock Films)

Bhool Chuk Maaf – मूवी रिव्यू

“Bhool Chuk Maaf” एक फैंटसी रोमांटिक कॉमेडी है, जो 23 मई 2025 को रिलीज़ हुई। करण शर्मा द्वारा निर्देशित इस फिल्म में राजकुमार राव और वामिका गब्बी मुख्य भूमिकाओं में हैं, साथ ही संजय मिश्रा, रघुबीर यादव और सीमा पाहवा जैसे दिग्गज कलाकार सहायक भूमिकाओं में हैं। वाराणसी की पृष्ठभूमि में सेट, यह फिल्म टाइम लूप कॉन्सेप्ट को भारतीय परिवेश में प्रस्तुत करती है, जो “ग्राउंडहॉग डे” से प्रेरित है। लेकिन क्या यह फिल्म अपने अनोखे कॉन्सेप्ट के साथ दर्शकों का दिल जीत पाई? आइए इसकी गहराई में उतरें।

कहानी का सार

फिल्म रंजन त्रिपाठी (राजकुमार राव) की कहानी है, जो लखनऊ का एक रोमांटिक युवक है और तितली मिश्रा (वामिका गब्बी) से प्यार करता है। तितली के पिता (ज़ाकिर हुसैन) शादी के लिए सहमत हैं, बशर्ते रंजन दो महीने में सरकारी नौकरी हासिल कर ले। रंजन कड़ी मेहनत करता है और सिंचाई विभाग में नौकरी पा लेता है। उनकी शादी 30 मई को तय होती है। लेकिन 29 मई को हल्दी समारोह के दिन, रंजन एक टाइम लूप में फंस जाता है, जहाँ वह उसी दिन को बार-बार जीता है। इस लूप से निकलने के लिए उसे भगवान शिव से की गई एक भूली हुई प्रतिज्ञा को पूरा करना होगा। यह कहानी हास्य, रोमांस और सामाजिक संदेश का मिश्रण है।

फिल्म की समीक्षा

सकारात्मक पहलू

  • सिनेमेटोग्राफी: सुदिप चटर्जी की सिनेमेटोग्राफी वाराणसी की खूबसूरती को जीवंत करती है। घाटों, संकरी गलियों और गंगा के किनारों के दृश्य फिल्म को प्रामाणिक और आकर्षक बनाते हैं। यह उन कुछ पहलुओं में से है जो दर्शकों को बांधे रखते हैं।

  • केमिस्ट्री: राजकुमार राव और वामिका गब्बी की जोड़ी स्क्रीन पर ताज़ा लगती है। उनका ‘निब्बा-निब्बी’ स्टाइल का रोमांस एक खास जनसांख्यिकीय को दर्शाता है, जो कुछ दर्शकों को पसंद आ सकता है।

  • सहायक कलाकार: सीमा पाहवा, रघुबीर यादव और संजय मिश्रा जैसे कलाकार अपने सीमित रोल में भी प्रभाव छोड़ते हैं। खासकर सीमा पाहवा का माँ का किरदार और संजय मिश्रा का छोटा सा रोल यादगार है।

नकारात्मक पहलू

  • संगीत: तनिष्क बागची का संगीत निराशाजनक है। शादी के थीम पर बनी फिल्म में कोई भी गाना यादगार नहीं है। “सावरिया तेरा” को छोड़कर बाकी गाने भूलने योग्य हैं। एक आइटम सॉन्ग, जिसमें धनश्री वर्मा हैं, कहानी में अनावश्यक लगता है।

  • हास्य: फिल्म का हास्य अक्सर निम्न स्तर का है, जैसे कि ‘पिछवाड़ा लंबा हो गया’ जैसे संवाद, जो सभी दर्शकों को हँसाने में नाकाम रहते हैं। यह छोटे शहर की कॉमेडी फिल्मों की एक आम समस्या है, जो सुविधाजनक और सस्ते हास्य पर निर्भर करती हैं।

  • टाइम लूप का निष्पादन: टाइम लूप कॉन्सेप्ट शुरू में रोमांचक लगता है, लेकिन इसका उपयोग बुनियादी और दोहरावपूर्ण है। फिल्म का पहला हिस्सा ऊर्जावान है, लेकिन जैसे ही लूप शुरू होता है, यह रूटीन और उबाऊ हो जाता है। अंत में उपदेशात्मक संदेश फिल्म की गति को धीमा कर देता है।

  • राजकुमार राव का प्रदर्शन: राजकुमार राव एक शानदार अभिनेता हैं, लेकिन इस फिल्म में उनका प्रदर्शन उनकी पिछली फिल्मों जैसे “स्त्री” और “विक्की विद्या का वो वाला वीडियो” से मिलता-जुलता है। यह एकरसता कुछ प्रशंसकों को निराश कर सकती है।

बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन और विवाद

“भूल चुंक माफ” ने बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन 7.20 करोड़ रुपये और भारत में कुल 17.01 करोड़ रुपये की कमाई की। यह आंकड़ा आश्चर्यजनक है, क्योंकि थिएटर में ऑक्यूपेंसी 30% से कम थी और समीक्षाएँ मिश्रित थीं (Bollywood Hungama)। ट्रेड एनालिस्ट सुमित कडेल ने मेडॉक फिल्म्स पर ‘सेल्फ-बुकिंग’ के ज़रिए आंकड़ों को बढ़ाने का आरोप लगाया है, दावा करते हुए कि वास्तविक संग्रह केवल 2.3-5 करोड़ रुपये था (Republic World)। यह आरोप मेडॉक फिल्म्स की पिछली फिल्मों जैसे “छावा” और “स्काई फोर्स” पर भी लग चुके हैं।

फिल्म की रिलीज़ से पहले भी ड्रामा हुआ। मेडॉक फिल्म्स ने पहले थिएट्रिकल रिलीज़ रद्द करके इसे अमेज़न प्राइम वीडियो पर रिलीज़ करने का फैसला लिया था, जिसके कारण PVR INOX ने 60 करोड़ रुपये का मुकदमा दायर किया। समझौते के बाद, फिल्म 23 मई को थिएटर में रिलीज़ हुई, लेकिन दो सप्ताह बाद 6 जून को ओटीटी पर उपलब्ध होगी (Times of India)। यह छोटा ओटीटी विंडो उद्योग में एक नया चलन शुरू कर सकता है।

विवरण

जानकारी

पहले दिन का कलेक्शन

₹7.20 करोड़

भारत में कुल कलेक्शन

₹17.01 करोड

विश्वव्यापी कलेक्शन

₹21.44 करोड़

थिएटर ऑक्यूपेंसी

30% से कम

आरोप

मेडॉक फिल्म्स पर ‘सेल्फ-बुकिंग’ का आरोप

वास्तविक कलेक्शन (आरोप के अनुसार)

₹2.3-5 करोड़

“भूल चुंक माफ” एक मनोरंजक फिल्म है जो टाइम लूप कॉन्सेप्ट को भारतीय सेटिंग में लाती है। यह उन दर्शकों के लिए उपयुक्त है जो हल्का-फुल्का मनोरंजन चाहते हैं। हालाँकि, इसकी कमियाँ जैसे दोहरावपूर्ण कहानी, कमज़ोर हास्य और उपदेशात्मक अंत इसे एक औसत अनुभव बनाते हैं। यदि आप राजकुमार राव के प्रशंसक हैं या वाराणसी की खूबसूरती को बड़े पर्दे पर देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म एक बार देखने लायक है। इसे थिएटर में देख सकते हैं  या 6 जून को अमेज़न प्राइम वीडियो पर इसका इंतज़ार करें (Prime Video)।

देखें -> Bhool Chuk Maaf  Trailer


Sources: Bollywood Hungama , Republic World 

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