Chinese Fungus
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Chinese Fungus Worse than COVID: विशेषज्ञों की चेतावनी

हाल ही में, अमेरिका में एक ऐसी घटना ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है, जिसने जैविक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर सवाल उठाए हैं। दो चीनी राष्ट्रीयों, यूनकिंग जियान (33) और जूनयोंग लियू (34), को मिशिगन में फ्यूजेरियम ग्रामीनियारम (Fusarium graminearum) नामक खतरनाक Chinese Fungus की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया । अमेरिकी न्याय विभाग ने इस फंगस को “कृषि आतंकवाद का संभावित हथियार” माना है, और विशेषज्ञों ने इसे COVID-19 से भी अधिक खतरनाक बताया है। यह ब्लॉगपोस्ट इस घटना के विवरण, फंगस के प्रभाव, विशेषज्ञों की चेतावनियों और भारत सहित वैश्विक कृषि पर इसके संभावित प्रभावों का विश्लेषण करता है।

घटना का विवरण

अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने डेट्रॉइट में यूनकिंग जियान और जूनयोंग लियू को गिरफ्तार किया, जो मिशिगन विश्वविद्यालय में शोध से जुड़े थे। उन पर फ्यूजेरियम ग्रामीनियारम की तस्करी, साजिश, झूठे बयान देने और वीजा धोखाधड़ी के आरोप हैं। यह फंगस डेट्रॉइट मेट्रोपॉलिटन एयरपोर्ट के माध्यम से चीन से अमेरिका लाया गया था। दोनों ने कथित तौर पर इस फंगस पर शोध करने की योजना बनाई थी, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि इसके पीछे गहरी साजिश हो सकती है।

फंगस का प्रभाव

फ्यूजेरियम ग्रामीनियारम एक जैविक रोगजनक है जो फसलों में “हेड ब्लाइट” या “स्कैब” बीमारी पैदा करता है। यह गेहूं, जौ, मक्का और चावल जैसी फसलों को प्रभावित करता है, जिससे उनकी उपज और गुणवत्ता में कमी आती है। यह फंगस विषाक्त पदार्थ (माइकोटॉक्सिन्स) उत्पन्न करता है, जो मानव और पशुओं में उल्टी, यकृत क्षति और प्रजनन समस्याओं का कारण बन सकता है । वैश्विक स्तर पर, यह फंगस हर साल अरबों डॉलर का आर्थिक नुकसान पहुंचाता है, जिससे खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता पर खतरा मंडराता है।

विवरण

जानकारी

फंगस का नाम

फ्यूजेरियम ग्रामीनियारम

प्रभावित फसलें

गेहूं, जौ, मक्का, चावल

स्वास्थ्य प्रभाव

उल्टी, यकृत क्षति, प्रजनन समस्याएं

आर्थिक प्रभाव

वैश्विक स्तर पर अरबों डॉलर का नुकसान

अमेरिकी न्याय विभाग का दावा

संभावित कृषि आतंकवाद हथियार

विशेषज्ञों की चेतावनी

चीनी मामलों के विशेषज्ञ गॉर्डन जी. चांग ने इस घटना को अमेरिका के खिलाफ युद्ध के समान बताया। उन्होंने इसे चीन की ओर से एक “गुप्त मिशन” माना, जिसका उद्देश्य अमेरिका को आर्थिक और राजनीतिक रूप से अस्थिर करना हो सकता है । चांग ने इसे COVID-19 और फेंटानिल संकट से भी बड़ा खतरा बताया और अमेरिका-चीन संबंधों को पूरी तरह खत्म करने की सलाह दी। उनकी किताब, China Is Going To War, में भी उन्होंने चीन के जैविक खतरों पर चेतावनी दी है।

कृषि विशेषज्ञों का दृष्टिकोण

हालांकि, कृषि विशेषज्ञ इस खतरे को अतिरंजित मानते हैं। उनका कहना है कि फ्यूजेरियम ग्रामीनियारम पहले से ही अमेरिका में मौजूद है और फंगिसाइड्स, प्रतिरोधी गेहूं किस्मों और नियमित परीक्षणों के माध्यम से इसका प्रबंधन संभव है । उनके अनुसार, यह फंगस खाद्य सुरक्षा के लिए तत्काल खतरा नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।

व्यापक संदर्भ

यह घटना अमेरिका और चीन के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा सकती है। COVID-19 की उत्पत्ति को लेकर विवाद और 2020 में अमेरिका के सभी 50 राज्यों में चीन से अनचाहे बीजों की डाक जैसी घटनाएं पहले से ही संदेह पैदा कर चुकी हैं । इसके अलावा, अन्य मामलों जैसे 2020 में नौसैनिक अड्डे पर चीनी छात्रों द्वारा अवैध फोटोग्राफी और 2022 में जासूसी के लिए दोषी ठहराए गए चीनी नागरिक के मामले ने भी तनाव बढ़ाया है ।

भारत और वैश्विक कृषि पर प्रभाव

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां गेहूं, चावल और मक्का जैसी फसलें अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। अगर इस तरह का फंगस भारत पहुंचता है, तो यह खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है (News18)। यह घटना भारत को अपनी जैविक सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देती है। वैश्विक स्तर पर, इस तरह की घटनाएं खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे वैश्विक व्यापार और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।

यह घटना जैविक सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के महत्व को रेखांकित करती है। हालांकि गॉर्डन चांग जैसे विशेषज्ञों की चेतावनियां गंभीर हैं, कृषि विशेषज्ञों का दृष्टिकोण संतुलित विश्लेषण की आवश्यकता को दर्शाता है। भारत जैसे देशों को इस घटना से सबक लेते हुए अपनी कृषि और जैविक सुरक्षा को मजबूत करना चाहिए। यह घटना हमें सतर्क रहने और तथ्यों के आधार पर निर्णय लेने की प्रेरणा देती है।


Sources: News18 , Reuters , Economictimes

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