भारत-पाकिस्तान संघर्ष में राफेल जेट – और Defence Chief-General Anil Chauhan का बयान
मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव तब बढ़ा जब पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई। इस हमले के जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 से 10 मई तक ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें भारतीय वायु सेना (IAF) ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी शिविरों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में राफेल जेट से स्कैल्प मिसाइलें और सु-30 MKI विमानों से ब्रह्मोस मिसाइलें शामिल थीं। इस दौरान, पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने छह भारतीय जेट, जिनमें तीन या चार राफेल शामिल थे, मार गिराए। भारतीय Defence Chief-General Anil Chauhan ने इन दावों को खारिज करते हुए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
ऑपरेशन सिंदूर का अवलोकन
ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का प्रतीक था। भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए। ये हमले सटीक और संयमित थे, जिनमें पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह ऑपरेशन भारत के “जवाब देने के अधिकार” का उपयोग था।
जेट के नुकसान पर दावे और खंडन
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने 7 से 10 मई के संघर्ष के दौरान छह भारतीय जेट, जिनमें तीन या चार राफेल शामिल थे, मार गिराए। CNN ने एक फ्रांसीसी खुफिया अधिकारी के हवाले से बताया कि कम से कम एक राफेल जेट नीचे गिराया गया, और इसकी जांच चल रही थी। Reuters ने भी अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा कि एक राफेल नष्ट हुआ। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने इन दावों को खारिज किया।
The Economic Times ने विशेषज्ञ विश्लेषण का हवाला देते हुए बताया कि जम्मू और कश्मीर के वुयान गांव के पास दिखाया गया मलबा मिराज 2000 का ड्रॉप टैंक था, जिसे गलती से राफेल का बताया गया। फ्रांस24 के विशेषज्ञ जेवियर टायटलमैन ने स्पष्ट किया कि यह ड्रॉप टैंक 1984 में निर्मित था, जो राफेल के पहले परीक्षण उड़ान से पहले का है। NDTV ने भी राफेल के मार गिराए जाने के दावों को “झूठ का पुलिंदा” करार दिया।
Defence Chief-General Anil Chauhan का बयान
सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान, जनरल अनिल चौहान ने Bloomberg को बताया कि 7 मई को ऑपरेशन के शुरुआती चरण में सामरिक गलतियों के कारण कुछ जेट “डाउन” हुए। उन्होंने कहा, “महत्वपूर्ण यह नहीं है कि जेट नीचे गिराए गए, बल्कि यह है कि वे क्यों नीचे गिराए गए। क्या गलतियाँ हुईं – वही महत्वपूर्ण हैं।” उन्होंने पाकिस्तान के छह जेट मार गिराने के दावे को “बिल्कुल गलत” बताया और कहा कि संख्याएँ महत्वपूर्ण नहीं हैं।
उन्होंने आगे कहा, “अच्छी बात यह है कि हम अपनी सामरिक गलतियों को समझ पाए, उन्हें सुधार पाए, और दो दिनों के बाद फिर से अपने सभी जेट उड़ाकर लंबी दूरी से निशाना साधा।
“डाउन” बनाम “नष्ट” का अंतर
जनरल चौहान के बयान से स्पष्ट होता है कि “डाउन” का मतलब नष्ट होना नहीं था। प्रभावित जेट दो दिनों में फिर से उड़ान भरने में सक्षम थे, जो दर्शाता है कि वे शायद क्षतिग्रस्त हुए या आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी, लेकिन नष्ट नहीं हुए। यह सैन्य संदर्भ में “डाउन” और “शॉट डाउन और नष्ट” के बीच अंतर को रेखांकित करता है।
राफेल की स्थिति
कोई भी आधिकारिक भारतीय स्रोत यह पुष्टि नहीं करता कि प्रभावित जेटों में राफेल शामिल थे। जनरल चौहान ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन से जेट प्रभावित हुए। इसके विपरीत, भारतीय स्रोतों और विशेषज्ञ विश्लेषण ने राफेल के नष्ट होने के दावों को खारिज किया। Le Monde ने सुझाव दिया कि एक राफेल नष्ट हुआ हो सकता है, लेकिन यह दावा भारतीय स्रोतों द्वारा समर्थित नहीं है।
पायलटों की सुरक्षा और ऑपरेशन की सफलता
एयर मार्शल एके भारती ने 11 मई को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “हम एक युद्ध परिदृश्य में हैं; नुकसान युद्ध का हिस्सा हैं। सवाल यह पूछना चाहिए कि क्या हमने आतंकी शिविरों को नष्ट करने का उद्देश्य हासिल किया। जवाब है, हाँ।” उन्होंने यह भी पुष्टि की कि “हमारे सभी पायलट घर वापस आ गए हैं,” जिससे यह संकेत मिलता है कि भले ही कुछ जेट प्रभावित हुए हों, पायलट सुरक्षित रहे।
भारत ने मई 2025 के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में कोई राफेल जेट नहीं खोया, अर्थात कोई भी राफेल नष्ट नहीं हुआ। शुरुआती सामरिक गलतियों के कारण कुछ जेट प्रभावित हुए, लेकिन दो दिनों में सुधार के बाद वे फिर से उड़ान भरने में सक्षम थे। जनरल चौहान ने पाकिस्तान के दावों को खारिज किया और भारत की त्वरित सुधार और ऑपरेशन की सफलता पर जोर दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की क्षमता को प्रदर्शित किया।