गोवा के शिरगांव में धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़, सीएम ने दिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
गोवा के शांत गांव शिरगांव में एक धार्मिक आयोजन के दौरान जो कुछ हुआ, उसने सभी को हैरान और दुखी कर दिया। भक्तों से भरा यह उत्सव अचानक एक अफरा-तफरी में बदल गया और कई लोग इस भगदड़ की चपेट में आ गए।
क्या हुआ शिरगांव में?
शनिवार को शिरगांव मंदिर में वार्षिक श्री लहराई देवी महोत्सव चल रहा था, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे। इसी दौरान, भीड़ का नियंत्रण अचानक बिगड़ गया और वहां भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 6 लोगों की मृत्यु हो गयी है और 50 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि भीड़ अचानक एक ही दिशा में धकेलने लगी, जिससे कुछ लोग नीचे गिर गए और उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला। मौके पर तुरंत पुलिस और प्रशासन की टीम पहुंची और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने लिया संज्ञान
घटना के बाद गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने तुरंत स्थिति का संज्ञान लिया और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस मामले में मजिस्ट्रेट स्तर की जांच कराई जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिर चूक कहां हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा:
“इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
अधिकारियों के अनुसार, घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल लोगों को गोवा मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
वहीं, पुलिस ने शुरुआती जांच शुरू कर दी है और आयोजन समिति से भी पूछताछ की जा रही है कि क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं।
यह सवाल अब उठ रहा है कि क्या इस तरह के बड़े आयोजन में भीड़ नियंत्रण के पुख्ता इंतज़ाम थे या नहीं। शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ की संख्या अनुमान से कहीं ज़्यादा थी और पर्याप्त सुरक्षा या निकासी व्यवस्था मौजूद नहीं थी।
मुख्यमंत्री सावंत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे आयोजनों में अब विशेष सुरक्षा उपाय और भीड़ नियंत्रण प्रोटोकॉल अनिवार्य बनाए जाएं। इसके अलावा, आयोजन समितियों को पहले से पुलिस और प्रशासन को सूचना देना भी जरूरी होगा।
सरकार इस घटना से सबक लेते हुए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाने की दिशा में काम कर रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।
जनता से अपील
मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से भी संयम और सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और यदि कोई जानकारी हो तो सीधे प्रशासन को सूचित करें।
“सरकार आपके साथ है और हर पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा। हमारी प्राथमिकता है कि ऐसे आयोजन सुरक्षित तरीके से हों और सभी श्रद्धालु सुख-शांति से भाग ले सकें।”
शिरगांव की इस दुखद घटना ने हमें एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सुरक्षा, योजना और व्यवस्था किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम की सबसे अहम कड़ी है।
सरकार की सक्रियता और पारदर्शी जांच की उम्मीद है कि इस घटना के पीछे की सच्चाई सामने आएगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।