Haridwar Land Scam : CM Dhami ने 10 अधिकारियों को किया निलंबित, 2 IAS अधिकारी शामिल
Haridwar Land Scam : हरिद्वार की पवित्रता पर सवाल
हरिद्वार, जिसे ‘हरि का द्वार’ भी कहा जाता है, उत्तराखण्ड का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। गंगा नदी के तट पर बसा यह शहर हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। हर-की-पौड़ी घाट पर स्नान करने और कुम्भ मेले में शामिल होने के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु यहाँ आते हैं। लेकिन हाल ही में, इस पवित्र नगरी की छवि पर एक काला धब्बा लगा है। हरिद्वार नगर निगम द्वारा किए गए एक भूमि सौदे में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जिसे ‘हरिद्वार भूमि घोटाला’ के नाम से जाना जा रहा है। यह घोटाला न केवल वित्तीय अनियमितता को उजागर करता है, बल्कि प्रशासनिक विश्वास को भी हिलाता है।
घोटाले का खुलासा
यह घोटाला हरिद्वार के ग्राम सराय में 2.3 हेक्टेयर जमीन की खरीद से संबंधित है। यह जमीन मूल रूप से कृषि भूमि थी, जिसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये थी। लेकिन, कुछ अधिकारियों ने इसे गैर-कृषि भूमि में परिवर्तित कर इसकी कीमत को 52 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया। इसके बाद, हरिद्वार नगर निगम ने इस जमीन को इसी बढ़ी हुई कीमत पर खरीदा। जांच में पाया गया कि यह परिवर्तन बिना उचित सरकारी अनुमोदन के किया गया, जो उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम की धारा 143 के तहत मानक संचालन प्रक्रिया का उल्लंघन है। इसके अलावा, यह जमीन एक कचरा डंपिंग यार्ड के पास स्थित है, जो इसे किसी भी सरकारी कार्यालय या अन्य उपयोग के लिए अनुपयुक्त बनाती है। यह साफ संकेत देता है कि इस सौदे में भ्रष्टाचार और गलत इरादे शामिल थे।
मुख्यमंत्री धामी की त्वरित कार्रवाई
जब यह घोटाला सामने आया, तो उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने 10 अधिकारियों को निलंबित कर दिया, जिनमें दो वरिष्ठ IAS अधिकारी हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह और नगर आयुक्त वरुण चौधरी शामिल हैं। इसके अलावा, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट अजयवीर सिंह (PCS), वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, वरिष्ठ निजी सहायक विक्की, रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कमलदास, आनंद सिंह मिश्रवान, लक्ष्मीकांत भट्ट, और दिनेश चंद्र कांडपाल भी निलंबित किए गए। यह कार्रवाई 29 मई को सचिव रणवीर सिंह चौहान द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई, जिसमें गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख था।
सरकार के अतिरिक्त कदम
मुख्यमंत्री धामी ने न केवल अधिकारियों को निलंबित किया, बल्कि सतर्कता विभाग को इस मामले की गहन जांच करने का आदेश भी दिया। साथ ही, उन्होंने वरुण चौधरी के कार्यकाल के दौरान नगर निगम द्वारा किए गए सभी कार्यों की विशेष ऑडिट कराने का निर्देश दिया, ताकि अन्य संभावित वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाया जा सके। इसके अतिरिक्त, इस सौदे से संबंधित बिक्री विलेख को रद्द करने और जमीन मालिकों को भुगतान की गई राशि की वसूली के आदेश भी दिए गए हैं। ये कदम उत्तराखण्ड सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाते हैं।
जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई की व्यापक सराहना हुई है। सोशल मीडिया पर लोग मुख्यमंत्री धामी की तारीफ कर रहे हैं। एक X पोस्ट में कहा गया, “15 करोड़ की जमीन 54 करोड़ में खरीदी गई। घोटाला सामने आया, CM धामी को सूचना मिली। कोई छिपाने की कोशिश नहीं, कोई देरी नहीं।” (Indian_Analyzer)।
विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, ने इस घोटाले की पारदर्शी और समयबद्ध जांच की मांग की है। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, विपक्ष ने इस मामले में सरकार पर सवाल उठाए और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके जवाब में, हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सराय भूमि घोटाले में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत संदेश
हरिद्वार जैसे पवित्र स्थल में हुए इस घोटाले ने न केवल स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि भ्रष्टाचार कितना गहरा हो सकता है। लेकिन मुख्यमंत्री धामी की त्वरित और सख्त कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखण्ड सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है। यह कदम न केवल दोषियों को सजा दिलाने में मदद करेगा, बल्कि भविष्य में ऐसे घोटालों को रोकने में भी सहायक होगा। हरिद्वार की पवित्रता और जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए ऐसी कार्रवाइयाँ आवश्यक हैं।
तालिका: निलंबित अधिकारियों की सूची
नाम |
पद |
---|---|
कर्मेंद्र सिंह |
जिलाधिकारी, हरिद्वार (IAS) |
वरुण चौधरी |
नगर आयुक्त (IAS) |
अजयवीर सिंह |
उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (PCS) |
निकिता बिष्ट |
वरिष्ठ वित्त अधिकारी |
विक्की |
वरिष्ठ निजी सहायक |
राजेश कुमार |
रजिस्ट्रार कानूनगो |
कमलदास |
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी |
आनंद सिंह मिश्रवान |
अधिकारी |
लक्ष्मीकांत भट्ट |
अधिकारी |
दिनेश चंद्र कांडपाल |
अधिकारी |
Sources: Indianexpress , Hindustantimes , ANI , Indiatimes , X.com