भारत ने 8-9 मई की रात पाकिस्तान के बड़े हमले को नाकाम किया – जानिए कैसे
8-9 मई 2025 की रात, भारत ने पाकिस्तान द्वारा किए गए एक बड़े ड्रोन, मिसाइल और अन्य हथियारों के हमले को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। यह हमला उत्तरी और पश्चिमी भारत के कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था, लेकिन भारत की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली ने इसे विफल कर दिया। इस पोस्ट में हम इस घटना के प्रमुख पहलुओं, हमले के स्थानों, भारत की रक्षा रणनीति, और इसके व्यापक प्रभावों पर चर्चा करेंगे।
हमले के स्थान
पाकिस्तान ने 8-9 मई की रात को भारत के निम्नलिखित सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की:
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जम्मू और कश्मीर: अवंतिपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, उधमपुर
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पंजाब: अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, अदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़
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राजस्थान: नल, फलोदी, उत्तरलाई, जैसलमेर
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गुजरात: भुज
इन हमलों में सैन्य अड्डों, वायुसेना स्टेशनों और रडार स्टेशनों को निशाना बनाया गया। इसके अलावा, पाकिस्तान ने जम्मू के सतवारी, सांबा, आरएस पुरा और अरनिया क्षेत्रों में आठ मिसाइलें दागीं, और जैसलमेर में ड्रोन हमले किए।
भारत ने हमले को कैसे नाकाम किया?
भारत की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली, जिसे इंटीग्रेटेड काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स ग्रिड (ICUG) के नाम से जाना जाता है, ने इस हमले को विफल करने में चमत्कारिक प्रदर्शन किया। यह प्रणाली एक बहुस्तरीय रक्षा तंत्र है, जो अत्याधुनिक तकनीकों और हथियारों का उपयोग करती है। निम्नलिखित प्रमुख बिंदु इसकी सफलता को दर्शाते हैं:
1. चार-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली
भारत की वायु रक्षा प्रणाली चार स्तरों पर काम करती है:

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पहला स्तर: S-400 त्रिउम्फ – यह रूस निर्मित लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है, जो 600 किमी तक हवाई खतरों को ट्रैक कर सकती है और 400 किमी तक उन्हें नष्ट कर सकती है। इसे नाटो में SA-21 ग्रॉलर के नाम से जाना जाता है।

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दूसरा स्तर: MR-SAM और बराक 8 – ये मध्यम दूरी की मिसाइलें हैं, जो 70-150 किमी की रेंज में काम करती हैं। ये भारत के डीआरडीओ और इजराइल के IAI द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई हैं।

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तीसरा स्तर: आकाश मिसाइल सिस्टम – यह स्वदेशी शॉर्ट-टू-मध्यम दूरी की मिसाइल प्रणाली है, जो 30-50 किमी की दूरी तक हवाई खतरों को नष्ट कर सकती है। यह 96% स्वदेशी है और आत्मनिर्भर भारत पहल का हिस्सा है।

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चौथा स्तर: क्विक रिएक्शन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें (QR-SAM) और अन्य शॉर्ट-रेंज सिस्टम जैसे स्पाइडर।
2. ड्रोन-विरोधी हथियार
पाकिस्तान ने बड़ी संख्या में ड्रोन और लोइटरिंग मुनिशन्स का उपयोग किया, जिन्हें निम्नलिखित हथियारों ने नष्ट किया:

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L-70 गन: यह एक स्वचालित, AI-संचालित एंटी-एयरक्राफ्ट गन है।
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ZSU-23 गन: यह सोवियत-युग की गन है, जिसे भारत ने अपग्रेड किया है।
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शिल्का गन: यह ट्रेसर राउंड फायर करने वाली स्वचालित गन है, जो विशेष रूप से स्वार्म ड्रोन्स के खिलाफ प्रभावी है।
इन प्रणालियों को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और निजी कंपनी ज़ेन टेक्नोलॉजीज द्वारा अपग्रेड किया गया है, जिसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल फायर कंट्रोल सिस्टम जोड़े गए हैं। ये सिस्टम रडार द्वारा बनाई गई हवाई तस्वीर का विश्लेषण करते हैं और स्वचालित रूप से यह तय करते हैं कि कौन सा हथियार किस दिशा में फायर करना है।
3. पुनर्जनन हथियार: R-73 मिसाइलें
पुरानी R-73 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, जो डीकमीशन होने वाली थीं, को ट्रक-माउंटेड लांचरों में बदला गया। प्रत्येक ट्रक में तीन मिसाइलें और प्रत्येक बैटरी में तीन ट्रक होते हैं। ये बड़े ड्रोन्स को नष्ट करने के लिए उपयोगी साबित हुए।
4. सॉफ्ट किल विकल्प
भारत ने लेजर और माइक्रोवेव-आधारित सॉफ्ट किल विकल्पों का भी उपयोग किया। ये तकनीकें ड्रोन्स के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को निष्क्रिय कर देती हैं, जिससे वे बिना नष्ट हुए निष्प्रभावी हो जाते हैं।
5. AI और रडार का योगदान
इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) ने रडार नेटवर्क के माध्यम से पाकिस्तान से आने वाले खतरों को तुरंत पहचाना और विभिन्न वायु रक्षा इकाइयों को सूचना दी। रडार डेटा के आधार पर, AI-संचालित सिस्टम ने उचित हथियार का चयन किया और हमले को नाकाम किया।
6. अपग्रेडेड सिस्टम
हमले के खिलाफ सबसे प्रभावी साबित हुए टंगुस्का स्ट्रेला और शिल्का वायु रक्षा प्रणालियाँ, जिन्हें हाल ही में अपग्रेड किया गया था। ये सिस्टम सामान्य स्वार्म ड्रोन्स को नष्ट करने के लिए आदर्श थे।
भारत की इस रक्षा प्रणाली ने न केवल सभी मिसाइलों और ड्रोन्स को नष्ट किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसी भी सैन्य ठिकाने को नुकसान न पहुंचे। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमले के मलबे को कई स्थानों से बरामद किया गया है, जो पाकिस्तान के हमले का सबूत है।
भारत की जवाबी कार्रवाई
भारत ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान के कई वायु रक्षा रडार और सिस्टम को नष्ट कर दिया। लाहौर में पाकिस्तान की HQ-9 मिसाइल रक्षा प्रणाली को इजराइली निर्मित हार्पी कामिकेज़ ड्रोन्स द्वारा निष्क्रिय कर दिया गया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत की प्रतिक्रिया “समान डोमेन और समान तीव्रता” में थी, और कोई भी पाकिस्तानी सैन्य ढांचा निशाना नहीं बनाया गया ताकि नागरिक हताहतों से बचा जा सके।
व्यापक प्रभाव
1. IPL अनिश्चितकाल के लिए निलंबित
भारत-पाकिस्तान तनाव के कारण इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया है। विशेष रूप से, पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच धर्मशाला में चल रहा मैच 10.1 ओवर के बाद रद्द कर दिया गया, क्योंकि क्षेत्र में बिजली कटौती और सुरक्षा चिंताओं के कारण खिलाड़ियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
2. पाकिस्तान के ऊपर उड़ानों का यू-टर्न
FlightRadar24 के अनुसार, भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में सभी वाणिज्यिक उड़ानों ने यू-टर्न लिया। पाकिस्तान ने लाहौर और इस्लामाबाद हवाई अड्डों पर 48 घंटे के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया। श्रीनगर हवाई अड्डे को भी नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया, और कई एयरलाइनों ने पाकिस्तान और उत्तर-पश्चिम भारत के लिए उड़ानें निलंबित या डायवर्ट कीं।
3. भारतीय सेना का बयान
भारतीय सेना ने हमले को नाकाम करने के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया: “8-9 मई 2025 की रात, पाकिस्तान सशस्त्र बलों ने पश्चिमी सीमा पर ड्रोन और अन्य हथियारों का उपयोग करके कई हमले किए। पाक सैनिकों ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कई बार युद्धविराम का उल्लंघन भी किया। भारतीय सशस्त्र बलों ने इन खतरों को तुरंत निष्प्रभावी किया, और कोई हताहत या सामग्री नुकसान नहीं हुआ।”
8-9 मई की रात भारत ने अपनी उन्नत वायु रक्षा प्रणाली और रणनीतिक जवाबी कार्रवाई के दम पर पाकिस्तान के बड़े हमले को नाकाम कर दिया। S-400, आकाश, L-70, ZSU-23, शिल्का, और अपग्रेडेड टंगुस्का स्ट्रेला जैसे हथियारों ने भारत की रक्षा क्षमता को साबित किया। इस घटना ने न केवल भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौतियों को भी उजागर किया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और सैन्य टकराव से बचने की अपील की है।
भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति पर अडिग है, और किसी भी सैन्य आक्रामकता का जवाब दृढ़ता से देगा।
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