IMF
|

पाकिस्तान को IMF से ऋण मिलने से पहले भारत ने उठाया बड़ा कदम, अपने प्रतिनिधि को हटाया

भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में अपने प्रतिनिधि, कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम, को उनके कार्यकाल की समाप्ति से छह महीने पहले ही पद से हटा दिया है। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब IMF पाकिस्तान को $1.3 बिलियन का नया जलवायु लचीलापन ऋण देने पर विचार कर रहा है।

सुब्रमण्यम की बर्खास्तगी के पीछे दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं:

  1. IMF के आंकड़ों पर सवाल उठाना: सुब्रमण्यम ने IMF द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों पर सवाल उठाए थे, जिससे संस्था के साथ उनका टकराव बढ़ गया।

  2. पुस्तक प्रचार में अनुचित व्यवहार: उन पर अपनी हालिया पुस्तक ‘India @100: Envisioning Tomorrow’s Economic Powerhouse’ के प्रचार में अनुचित व्यवहार के आरोप लगे हैं।

इस निर्णय के बाद, भारत ने IMF, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों पर पाकिस्तान को वित्तीय सहायता रोकने के लिए दबाव बढ़ा दिया है। विशेष रूप से, भारत ने IMF से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता का उपयोग रक्षा खर्च या अन्य देशों से लिए गए ऋणों की अदायगी में न हो।

सुब्रमण्यम ने नवंबर 2022 में IMF में कार्यभार संभाला था और उनका कार्यकाल तीन वर्षों के लिए निर्धारित था। वर्तमान में, भारत, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका के लिए IMF के कार्यकारी निदेशक का पद रिक्त है। IMF की वेबसाइट के अनुसार, इस पद के लिए कोई नया नामांकन अभी तक नहीं हुआ है।

भारत का यह कदम पाकिस्तान को IMF से मिलने वाले ऋण के विरोध में उसकी कड़ी नीति को दर्शाता है, खासकर हालिया पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। भारत अब IMF के आगामी बोर्ड बैठक में पाकिस्तान को ऋण देने के प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की योजना बना रहा है।

सुब्रमण्यम को हटाने के बाद, फिलहाल IMF बोर्ड में भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका के लिए कोई कार्यकारी निदेशक नहीं है। IMF की वेबसाइट पर भी अभी तक नए प्रतिनिधि के नाम की घोषणा नहीं की गई है।

यह घटनाक्रम भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, जहां वह आतंकवाद के समर्थन के आरोपों के चलते पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सहायता देने का विरोध कर रहा है।


Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *