नागालैंड सरकार की अपील: CNCCI से अनिश्चितकालीन बंद को रद्द करने का अनुरोध
कोहिमा, 17 मई 2025: नागालैंड सरकार ने कॉन्फेडरेशन ऑफ नागालैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (CNCCI) से 19 मई से नौ जिलों में प्रस्तावित अनिश्चितकालीन व्यापार बंद को रद्द करने की अपील की है। यह अपील राज्य में व्यापारिक गतिविधियों को सुचारू रखने और आम जनजीवन को प्रभावित होने से बचाने के लिए की गई है।
CNCCI की घोषणा और मांगें
CNCCI, जो राज्य के 11 जिला चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DCCIs) की मूल संस्था है, ने अपने अध्यक्ष खेकुघा मुरु के नेतृत्व में दिमापुर, चुमौकेदिमा, निउलैंड, पेरेन, वोखा, जुनहेबोटो, फेक, त्सेमिन्यु और मेलुरी में 19 मई से अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा की है। यह निर्णय 13 मई को दिमापुर में CNCCI के नए नेतृत्व (2025-2030) के कार्यभार ग्रहण समारोह के दौरान लिया गया।
CNCCI की प्रमुख मांग है कि सरकार सभी शहरी स्थानीय निकायों (ULBs), विशेष रूप से नगर परिषदों में DCCIs के प्रतिनिधियों को नामित करे। उनका कहना है कि कोहिमा और मोकोकचुंग में DCCIs के प्रतिनिधियों को नामित किया गया है, लेकिन अन्य नौ जिलों में इस मांग को नजरअंदाज किया गया है। खेकुघा मुरु ने इसे व्यापारिक समुदाय के साथ “भेदभावपूर्ण व्यवहार” करार दिया और कहा कि यह प्रतिनिधित्व व्यापारिक हितों और उपभोक्ता कल्याण के लिए आवश्यक है।
सरकार की प्रतिक्रिया
नागालैंड सरकार ने CNCCI की मांगों को गंभीरता से लिया है और बंद से उत्पन्न होने वाली असुविधाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की है। सरकार का कहना है कि यह बंद व्यापारिक गतिविधियों को ठप कर सकता है और आम लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इससे पहले, अप्रैल 2024 में CNCCI ने इसी मांग को लेकर 24 अप्रैल से राज्यव्यापी बंद की घोषणा की थी, जिसे सरकार के साथ बातचीत के बाद स्थगित कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के निर्देश पर, सरकार ने CNCCI और प्रभावित DCCIs के प्रतिनिधियों के साथ उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में CNCCI ने ULB में प्रतिनिधित्व को “गैर-परक्राम्य” बताया। सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन CNCCI का दावा है कि इस दौरान कोई ठोस प्रगति नहीं हुई।
बंद का संभावित प्रभाव
CNCCI ने कहा है कि बंद स्वैच्छिक और शांतिपूर्ण होगा, जिसमें आवश्यक सेवाएं जैसे अस्पताल, ईंधन स्टेशन, स्कूल और सरकारी कार्यालय प्रभावित नहीं होंगे। फिर भी, दिमापुर जैसे प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों में बंद का गहरा प्रभाव पड़ सकता है। दिमापुर नागालैंड का आर्थिक केंद्र है, और 2024 में DCCIs द्वारा बुलाए गए एक समान बंद ने स्थानीय व्यापार को गंभीर रूप से प्रभावित किया था। कई निवासियों को आवश्यक वस्तुओं के लिए असम की ओर रुख करना पड़ा था।
CNCCI का तर्क
CNCCI का मानना है कि ULBs में व्यापारिक समुदाय का प्रतिनिधित्व बाजार नियमन और उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। खेकुघा मुरु ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार राज्यसभा में व्यापारिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को नामित करती है, और इसी तरह ULBs में DCCIs का प्रतिनिधित्व व्यापारिक समुदाय के विकास के लिए आवश्यक है। उनका कहना है कि यह कदम अनियमित शुल्क, सिंडिकेट तंत्र और GST से परे अनधिकृत करों पर नजर रखने में मदद करेगा।
नागालैंड सरकार और CNCCI के बीच यह तनाव व्यापारिक समुदाय की भागीदारी और सरकारी नीतियों के बीच संतुलन की आवश्यकता को दर्शाता है। सरकार की अपील और CNCCI की मांगों के बीच समझौते की संभावना अभी बनी हुई है, बशर्ते दोनों पक्ष संवाद को प्राथमिकता दें। राज्य की जनता और व्यापारी अब इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि क्या सरकार इस मुद्दे का समाधान निकाल पाएगी या बंद से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
Sources: PTI न्यूज, ANI न्यूज, मोरुंग एक्सप्रेस