प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन: 12 मई 2025
12 मई 2025 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम एक महत्वपूर्ण संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों, ऑपरेशन सिंदूर, और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति पर विस्तार से बात की। यह संबोधन 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनका पहला सार्वजनिक संबोधन था, जिसे 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट किया। इस संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “PAK के खिलाफ भारत का एक्शन सिर्फ स्थगित हुआ है, खत्म नहीं।” यह बयान न केवल पाकिस्तान के लिए एक कड़ा संदेश है, बल्कि वैश्विक समुदाय को भी भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का स्पष्ट संकेत देता है।
आइए, उनके संबोधन के प्रमुख बिंदुओं को समझते हैं:
युद्ध समाप्त नहीं हुआ, केवल रुका है
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर को केवल अस्थायी रूप से रोका गया है, समाप्त नहीं किया गया। उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर अपने हमले केवल रुके हैं।” भारत अब पाकिस्तान के हर कदम पर नजर रखेगा, और भविष्य की कार्रवाई उसके व्यवहार पर निर्भर करेगी। यह संदेश भारत की दृढ़ता और सतर्कता को दर्शाता है।
परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं होगा
मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि “भारत अब किसी भी तरह के परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा।” उन्होंने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई में कोई रुकावट नहीं आएगी, चाहे कोई भी परमाणु धमकी क्यों न दे। यह बयान भारत की नई नीति को रेखांकित करता है, जिसमें आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की गारंटी है।
पाकिस्तान को तीन स्पष्ट चेतावनियां
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को तीन सख्त चेतावनियां दीं:
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आतंकवाद और उसके प्रायोजकों में कोई अंतर नहीं: भारत अब आतंकवादियों और उनके समर्थन करने वाले देशों को अलग-अलग नहीं मानेगा। दोनों के खिलाफ समान कार्रवाई होगी।
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परमाणु धमकियों का कोई असर नहीं: भारत परमाणु ब्लैकमेल के सामने नहीं झुकेगा और आतंक के ठिकानों पर सटीक हमले जारी रखेगा।
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आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस: आतंकवाद का कोई भी रूप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी के भी समर्थन में हो।
पाकिस्तान ने दुनिया से लगाई गुहार
मोदी ने खुलासा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के सटीक हमलों ने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया। “पाकिस्तान ने दुनिया से तनाव कम करने की गुहार लगाई।” भारतीय सेना ने जब आतंकी ठिकानों को तबाह किया, तो पाकिस्तान ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर युद्धविराम की मांग की। भारत ने केवल तभी हमले रोके, जब पाकिस्तान ने आतंकी गतिविधियां और सैन्य हरकतें रोकने का वादा किया।
आतंकी ढांचा खत्म करें, वरना पाकिस्तान का अस्तित्व मिट जाएगा
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी कि “अगर पाकिस्तान को बचना है, तो उसे अपने आतंकी ढांचे को पूरी तरह खत्म करना होगा, वरना उसका अस्तित्व मिट जाएगा।” उन्होंने कहा कि बाहवपुर और मुरिदके जैसे आतंकी ठिकाने वैश्विक आतंकवाद के विश्वविद्यालय हैं, जिनसे 9/11 और भारत में कई हमलों का संबंध रहा है। भारत अब ऐसे ठिकानों को बख्शने वाला नहीं है।
“हमारी बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने की सजा”
मोदी ने भावनात्मक रूप से कहा, “आतंकियों को अब पता है कि हमारी बेटियों के माथे से सिंदूर हटाने की कोशिश का क्या अंजाम होता है।” ऑपरेशन सिंदूर को उन्होंने नारी शक्ति को समर्पित किया, क्योंकि पहलगाम हमले में कई महिलाओं और बच्चों ने अपने परिजनों को खोया था। यह बयान भारत की माताओं, बहनों और बेटियों के सम्मान और उनकी सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारतीय सेना ने 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया
प्रधानमंत्री ने भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की सराहना की और बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को मार गिराया गया।” ये आतंकी पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर खुले तौर पर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे थे। भारतीय सेना ने सटीक हमलों से इन ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिससे आतंकवाद को करारा झटका लगा।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की नई नीति
मोदी ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति है।” यह ऑपरेशन न्याय का प्रतीक है और भारत की 140 करोड़ जनता की भावनाओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ अपनी शर्तों पर जवाब देगा, और कोई भी आतंकी हमला बिना जवाब के नहीं रहेगा।
पाकिस्तान की सैन्य संलिप्तता का खुलासा
मोदी ने पाकिस्तान की सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि “पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मारे गए आतंकियों को श्रद्धांजलि दी, जो राज्य प्रायोजित आतंकवाद का सबसे बड़ा सबूत है।” यह बयान पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों को उजागर करता है और वैश्विक समुदाय के सामने उसकी सच्चाई लाता है।
शांति का मार्ग, लेकिन शक्ति के साथ
बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर बोलते हुए, मोदी ने कहा, “यह युद्ध का युग नहीं है, लेकिन आतंकवाद का भी नहीं। शांति का मार्ग शक्ति से होकर जाता है।” उन्होंने भगवान बुद्ध के शांति के संदेश को दोहराया, लेकिन साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी ताकत का इस्तेमाल आतंकवाद को कुचलने के लिए करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 12 मई 2025 का संबोधन न केवल भारत की आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ नीति को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी शक्ति और संकल्प के साथ खड़ा है। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद और उसके प्रायोजकों को किसी भी कीमत पर बख्शेगा नहीं। यह संबोधन हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है, जो एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने सशस्त्र बलों के साथ खड़ा है।
जय हिंद, जय भारत!
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