New 60 Km Rapid Rail- Noida -> Faridabad -> Gurugram
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New 60 Km Rapid Rail : 180 की रफ़्तार से जोड़ेगा गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा

New 60 Km Rapid Rail –  नोएडा-गुरुग्राम यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी: 180 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी नई ट्रेन। 

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में यातायात और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक नया और महत्वाकांक्षी रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) प्रस्तावित किया गया है। यह 60 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल मार्ग गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा को जोड़ेगा, जिससे एनसीआर के प्रमुख शहरों के बीच यात्रा तेज, सुगम और पर्यावरण के अनुकूल होगी। नमो भारत रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत विकसित यह परियोजना ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और यात्रा समय को कम करने का लक्ष्य रखती है।

परियोजना का अवलोकन

नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एनसीआरटीसी) ने हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचएमआरटीसी) को इस 60 किलोमीटर लंबे रैपिड रेल कॉरिडोर के लिए प्रस्ताव भेजा है। इस मार्ग की शुरुआत गुरुग्राम से होगी, जिसमें पहला स्टेशन दिल्ली-जयपुर हाईवे पर सेक्टर 29 के पास इफको चौक के निकट प्रस्तावित है। इसके बाद यह कॉरिडोर गोल्फ कोर्स रोड पर सेक्टर 54 तक जाएगा। फिर यह गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के माध्यम से फरीदाबाद पहुंचेगा, जहां दो स्टेशन प्रस्तावित हैं—एक बाटा चौक पर और दूसरा सेक्टर 85-86 के चौराहे पर। इसके बाद मार्ग नोएडा में प्रवेश करेगा, जहां सेक्टर 142-168 के जंक्शन पर एक स्टेशन होगा। अंत में, यह कॉरिडोर ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में समाप्त होगा, जहां यह गाजियाबाद-जेवर एयरपोर्ट नमो भारत लाइन से जुड़ेगा।

कुल मिलाकर, इस कॉरिडोर में आठ स्टेशन होंगे, जिनमें शामिल हैं:

  1. इफको चौक (गुरुग्राम, सेक्टर 29)

  2. सेक्टर 54 (गुरुग्राम, गोल्फ कोर्स रोड)

  3. बाटा चौक (फरीदाबाद)

  4. सेक्टर 85-86 जंक्शन (फरीदाबाद)

  5. सेक्टर 142-168 जंक्शन (नोएडा)

  6. सूरजपुर (ग्रेटर नोएडा)
    7-8. दो अतिरिक्त मध्यवर्ती स्टेशन (विवरण अभी तक सार्वजनिक नहीं)।

इस परियोजना की अनुमानित लागत 15,000 करोड़ रुपये है, और ट्रेनें 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिज़ाइन की जाएंगी, जिससे यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी। यह कॉरिडोर दिल्ली-गुरुग्राम और दिल्ली-एसएनबी जैसे मौजूदा या निर्माणाधीन मार्गों से स्वतंत्र होगा।

एनसीआर के लिए महत्व

यह रैपिड रेल मार्ग एनसीआर के तीन प्रमुख आर्थिक और आवासीय केंद्रों—गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा—को जोड़ेगा। इन शहरों में तेजी से बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि के कारण सड़क यातायात पर भारी दबाव है। इस कॉरिडोर के पूरा होने से ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण में कमी आएगी, साथ ही यात्रियों को तेज, विश्वसनीय और आरामदायक परिवहन विकल्प मिलेगा।

इसके अलावा, यह कॉरिडोर गाजियाबाद-जेवर एयरपोर्ट आरआरटीएस लाइन से जुड़कर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे गुरुग्राम और फरीदाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक यात्रा आसान हो जाएगी, जो क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास है।

परियोजना की प्रगति और सरकारी समर्थन

एनसीआरटीसी ने हरियाणा सरकार से इस मार्ग के लिए शीघ्र स्वीकृति और एक निगरानी समिति के गठन का अनुरोध किया है, जिसमें राज्य, जिला और स्थानीय विभागों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह समिति परियोजना को तेजी से और प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करेगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हाल ही में इस प्रस्ताव पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल के साथ चर्चा की। एक वरिष्ठ एचएमआरटीसी अधिकारी ने कहा, “प्रस्ताव हरियाणा सरकार के विचाराधीन है और यह एनसीआर के तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बहुत बढ़ावा देगा। हम इस परियोजना को साकार करने के लिए हर संभव समर्थन और सहायता प्रदान करेंगे।”

अन्य आरआरटीएस परियोजनाएं

एनसीआरटीसी वर्तमान में दो अन्य प्रमुख आरआरटीएस कॉरिडोर पर काम कर रहा है। पहला, 102 किलोमीटर लंबा दिल्ली के सराय काले खान से गुरुग्राम होते हुए एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़) तक का कॉरिडोर, जिसकी लागत 35,000 करोड़ रुपये है और इसे अगस्त 2026 में शुरू होने की उम्मीद है। दूसरा, 136 किलोमीटर लंबा सराय काले खान से हरियाणा के न्यू करनाल तक का कॉरिडोर, जिसकी लागत 34,000 करोड़ रुपये है।

इसके अतिरिक्त, दिल्ली-अलवर आरआरटीएस कॉरिडोर के हिस्से के रूप में गुरुग्राम में पांच मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन हब प्रस्तावित हैं, जो रैपिड मेट्रो, गुरुग्राम मेट्रो, आईएसबीटी, द्वारका एक्सप्रेसवे और हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के साथ एकीकृत होंगे।

लाभ और भविष्य की संभावनाएं

यह नया रैपिड रेल मार्ग यात्रा समय को कम करने के साथ-साथ एनसीआर के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा जैसे प्रमुख व्यावसायिक और औद्योगिक केंद्रों को जोड़कर, यह परियोजना रोजगार, व्यापार और अवकाश यात्रा को सुगम बनाएगी। साथ ही, यह पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्प प्रदान करके वायु प्रदूषण को कम करने में योगदान देगी।

इस परियोजना के पूरा होने पर एनसीआर में परिवहन प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। यह क्षेत्र की बढ़ती आबादी और शहरीकरण की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक टिकाऊ और उच्च क्षमता वाला समाधान प्रदान करेगा। गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा को जोड़ने वाला यह 60 किलोमीटर का रैपिड रेल मार्ग एनसीआर के परिवहन बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान देगा।


Sources : ANI, Hindustantimes, PTI

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