ऑपरेशन सिंदूर में ‘मेक इन इंडिया’ हथियारों की ताकत
7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का आग़ाज़ किया , जो पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों का एक सफल अभियान था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस अभियान में भारत ने न केवल अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत विकसित स्वदेशी हथियारों की क्षमता को भी दुनिया के सामने लाया। आइए, उन प्रमुख स्वदेशी हथियारों पर नजर डालते हैं, जिन्होंने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
1. नागास्त्र-1 लॉइटरिंग म्युनिशन

‘नागास्त्र-1’ एक स्वदेशी लॉइटरिंग म्युनिशन (आत्मघाती ड्रोन) है, जिसे सोलर इंडस्ट्रीज, नागपुर ने विकसित किया है। यह हथियार 15 किलोमीटर की रेंज में 1.5 किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकता है और रीयल-टाइम निगरानी के साथ-साथ सटीक हमले करने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर में नागास्त्र-1 का उपयोग आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया, जिसने भारत की उन्नत ड्रोन तकनीक को प्रदर्शित किया। इसकी खासियत यह है कि यह लक्ष्य को खोजने के बाद इष्टतम समय पर हमला करता है, जिससे collateral damage (नागरिक हानि) की संभावना कम हो जाती है।
2. स्काई स्ट्राइकर ड्रोन

बेंगलुरु स्थित अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADTL) ने इजरायल की एल्बिट सिस्टम्स के सहयोग से ‘स्काई स्ट्राइकर’ आत्मघाती ड्रोन विकसित किया है। यह ड्रोन 100 किलोमीटर की रेंज में 5 किलोग्राम विस्फोटक ले जा सकता है और सटीक हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। ऑपरेशन सिंदूर में इस ड्रोन ने आतंकी शिविरों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2021 में भारतीय सेना में शामिल किए गए इस ड्रोन ने भारत की स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षमता को और मजबूत किया है।
3. आकाश मिसाइल सिस्टम

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित ‘आकाश’ एक स्वदेशी सतह-से-हवा मिसाइल सिस्टम है। यह 45-70 किलोमीटर की रेंज में दुश्मन के ड्रोन, मिसाइलों और विमानों को नष्ट करने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, आकाश सिस्टम ने पश्चिमी सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात होकर पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को विफल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह सिस्टम भारतीय सेना और वायुसेना दोनों के लिए हवाई रक्षा का एक मजबूत ढाल है।
4. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

भारत और रूस के संयुक्त उद्यम, ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल दुनिया की सबसे तेज़ क्रूज मिसाइलों में से एक है। इसकी रेंज 300-500 किलोमीटर है और यह सुपरसोनिक गति के साथ उच्च-मूल्य वाले लक्ष्यों पर सटीक हमला करने में सक्षम है। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए किया गया, जिसने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणालियों की कमजोरियों को उजागर किया। यह मिसाइल भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक का एक शानदार उदाहरण है।
5. पिनाका रॉकेट लॉन्चर

इस राकेट लांचर का ऑपरेशन सिन्दूर में इस्तेमाल नहीं किया गया था परन्तु, यह हमारे वैज्ञानिकों द्वारा विकसित एक बहुत ही घातक और सक्षम हथियार है .
DRDO द्वारा विकसित ‘पिनाका’ मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर 75 किलोमीटर तक के लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है। इसकी सटीकता और तेज़ हमले की क्षमता इसे युद्धक्षेत्र में एक प्रभावी हथियार बनाती है। यह भारत की स्वदेशी तोपखाने की ताकत को प्रदर्शित करता है ।
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत का प्रभाव
‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल ने भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुए ये स्वदेशी हथियार न केवल भारत की सैन्य ताकत को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि भारत अब विश्व-स्तरीय रक्षा उपकरण बनाने में सक्षम है। नागास्त्र-1, स्काई स्ट्राइकर, आकाश, ब्रह्मोस और पिनाका जैसे हथियारों का विकास और उपयोग भारत की रक्षा निर्यात क्षमता को भी बढ़ा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो-टॉलरेंस नीति को दर्शाया, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ के तहत विकसित हथियारों की तकनीकी श्रेष्ठता को भी दुनिया के सामने लाया। ये हथियार भारत की सैन्य रणनीति में एक नया आयाम जोड़ते हैं और आत्मनिर्भरता की दिशा में देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करते हैं। यह अभियान भारतीय सशस्त्र बलों की व्यावसायिकता, तकनीकी कौशल और रणनीतिक दृष्टिकोण का एक शानदार उदाहरण है।
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