अमेरिका-ब्रिटेन व्यापार समझौता: एक ऐतिहासिक कदम
8 मई 2025 को, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते की घोषणा की, जो वैश्विक टैरिफ लागू होने के बाद पहला ऐसा समझौता है। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और व्यापारिक बाधाओं को कम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। आइए, इस समझौते के प्रमुख बिंदुओं, इसके महत्व और प्रभावों पर विस्तार से नजर डालें।
समझौते की पृष्ठभूमि
डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल 2025 को “लिबरेशन डे” के रूप में घोषित करते हुए वैश्विक स्तर पर टैरिफ लागू किए थे। इनमें ब्रिटेन से आयातित वस्तुओं पर 10% का सामान्य टैरिफ और ऑटोमोबाइल, स्टील, और एल्यूमिनियम पर 25% का टैरिफ शामिल था। इन टैरिफ ने वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मचा दी थी, जिसके जवाब में ब्रिटेन ने अमेरिका के साथ एक व्यापार समझौते के लिए सक्रिय रूप से बातचीत शुरू की। कीर स्टार्मर, जो पिछले साल सत्ता में आए, ने इस समझौते को ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की व्यापारिक रणनीति के लिए महत्वपूर्ण माना।
इस समझौते की घोषणा ट्रम्प और स्टार्मर ने एक समन्वित फोन कॉल के दौरान की, जिसमें दोनों नेताओं ने इसे “ऐतिहासिक” और “शानदार” बताया। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “आज विश्व युद्ध 2 की जीत का 80वां वर्ष है, और इस ऐतिहासिक समझौते के लिए इससे बेहतर दिन नहीं हो सकता।”
समझौते के प्रमुख बिंदु
इस व्यापार समझौते में कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभकारी हैं। नीचे कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
-
टैरिफ में कमी:
-
ब्रिटिश कारों पर अमेरिकी टैरिफ 27.5% से घटाकर 10% कर दिया गया है।
-
स्टील और एल्यूमिनियम पर लगने वाला 25% टैरिफ पूरी तरह से हटा लिया गया है।
-
100,000 ब्रिटिश वाहनों के लिए अमेरिका में आयात कोटा निर्धारित किया गया है।
-
हालांकि, अधिकांश ब्रिटिश वस्तुओं पर 10% का आधारभूत टैरिफ अभी भी लागू रहेगा।
-
-
कृषि और खाद्य उत्पाद:
-
अमेरिकी कृषि उत्पादों, जैसे बीफ और इथेनॉल, को ब्रिटिश बाजार में बेहतर पहुंच प्रदान की गई है।
-
ब्रिटेन ने अपने खाद्य मानकों को बनाए रखने का वादा किया है, जिसके त_hat हार्मोन-उपचारित बीफ और क्लोरीन-धोए चिकन पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
-
-
औषधि और एयरोस्पेस:
-
ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री को अमेरिका में “विशेष तरजीह” दी जाएगी, हालांकि इस क्षेत्र में अभी टैरिफ लागू नहीं किए गए हैं।
-
अमेरिकी एयरोस्पेस निर्माताओं को उच्च-गुणवत्ता वाले ब्रिटिश एयरोस्पेस घटकों तक बेहतर पहुंच मिलेगी।
-
-
डिजिटल सेवा कर:
-
समझौते में ब्रिटेन के डिजिटल सेवा कर (जो अमेरिकी टेक कंपनियों पर लागू होता है) पर कोई रियायत नहीं दी गई है, लेकिन इस मुद्दे पर बातचीत जारी रहेगी।
-
-
ब्रिटिश निर्यातकों के लिए राहत:
-
ब्रिटेन के ऑटोमोबाइल और स्टील उद्योगों में हजारों नौकरियों को बचाने में यह समझौता मददगार साबित होगा। ब्रिटेन के लिए अमेरिका सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल निर्यात बाजार है, जो 2024 में इसके ऑटो निर्यात का 25% से अधिक हिस्सा था।
-
समझौते का महत्व
यह समझौता कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
-
ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की रणनीति: ब्रेक्सिट के बाद से ब्रिटेन अमेरिका के साथ एक व्यापक व्यापार समझौते की तलाश में था। यह समझौता ब्रिटिश निर्यातकों के लिए राहत लेकर आया है और ब्रेक्सिट के बाद की व्यापारिक चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा।
-
ट्रम्प की टैरिफ नीति में पहली सफलता: यह समझौता ट्रम्प के वैश्विक टैरिफ अभियान के बाद पहला द्विपक्षीय व्यापार समझौता है। ट्रम्प ने इसे “पहला और व्यापक” समझौता बताते हुए कहा कि यह कई अन्य समझौतों की शुरुआत है।
-
आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव: कीर स्टार्मर के लिए यह समझौता एक बड़ी राजनीतिक जीत है। उन्होंने इस समझौते को ब्रिटिश उद्योगों और श्रमिकों के हित में बताया। ट्रेड यूनियन्स काउंसिल (TUC) के महासचिव पॉल नोवाक ने कहा, “यह समझौता हमें संकट से बचाता है और कई श्रमिकों को राहत मिलेगी।”
-
वैश्विक व्यापार में संदेश: यह समझौता अन्य देशों को अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता तेज करने के लिए प्रेरित कर सकता है। ट्रम्प ने संकेत दिया है कि जापान, दक्षिण कोरिया, और भारत जैसे देशों के साथ भी जल्द ही समझौते हो सकते हैं।
आलोचनाएं और चुनौतियां
हालांकि समझौता कई मायनों में सकारात्मक है, लेकिन इसे आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है:
-
सीमित दायरा: कुछ आलोचकों का मानना है कि यह समझौता उतना व्यापक नहीं है जितना प्रचारित किया जा रहा है। यह मुख्य रूप से टैरिफ कम करने पर केंद्रित है और डिजिटल सेवा कर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं हुई।
-
अमेरिकी ऑटोमोबाइल उद्योग की शिकायत: अमेरिकी ऑटोमोबाइल नीति परिषद (AAPC) ने इस समझौते की आलोचना की, जिसमें कहा गया कि यह कनाडा और मैक्सिको में असेंबल की जाने वाली अमेरिकी कारों पर 25% टैरिफ लगाकर अमेरिकी ऑटोमोबाइल निर्माताओं को नुकसान पहुंचाता है।
-
कंजर्वेटिव पार्टी की आलोचना: ब्रिटेन की कंजर्वेटिव नेता केमी बैडेनोक ने इस समझौते को “नुकसानदायक” बताया और दावा किया कि “लेबर पार्टी की बातचीत में ब्रिटेन को नुकसान हुआ।”
-
आर्थिक प्रभाव सीमित: अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस समझौते का तत्काल आर्थिक प्रभाव सीमित होगा। लंदन के किंग्स कॉलेज के प्रोफेसर जोनाथन पोर्ट्स ने कहा, “यह समझौता नुकसान को सीमित करने का प्रयास है, न कि आर्थिक वृद्धि का साधन।”
भविष्य की संभावनाएं
यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक शुरुआत है। ब्रिटेन के व्यापार और व्यवसाय सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने कहा कि 10% आधारभूत टैरिफ को कम करने के लिए बातचीत जारी रहेगी। इसके अलावा, यह समझौता ब्रिटेन को 19 मई को होने वाले यूरोपीय संघ के साथ शिखर सम्मेलन से पहले एक मजबूत स्थिति प्रदान करता है, जहां वह यूरोपीय संघ के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को फिर से परिभाषित करना चाहता है।
ट्रम्प ने संकेत दिया है कि अन्य देशों के साथ भी जल्द ही व्यापार समझौते हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “कई अन्य समझौते, जो गंभीर बातचीत के चरण में हैं, जल्द ही सामने आएंगे।” इससे वैश्विक व्यापार परिदृश्य में और बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
अमेरिका-ब्रिटेन व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समझौता ब्रिटिश निर्यातकों, विशेष रूप से ऑटोमोबाइल और स्टील उद्योगों, के लिए राहत लेकर आया है, जबकि अमेरिकी कृषि और एयरोस्पेस क्षेत्रों को नए अवसर प्रदान करता है। हालांकि, यह समझौता कुछ चुनौतियों और सीमाओं के साथ आता है, और इसका दीर्घकालिक प्रभाव भविष्य की बातचीत पर निर्भर करेगा।
यह समझौता न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक व्यापार की बदलती गतिशीलता में रणनीतिक साझेदारी की भूमिका को भी रेखांकित करता है। जैसे-जैसे दुनिया एक नए व्यापारिक युग में प्रवेश कर रही है, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह समझौता वैश्विक व्यापार परिदृश्य को कैसे प्रभावित करता है।