14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने तोड़े कई रिकार्ड्स और रचा इतिहास : लगाया 35 गेंदों में शतक ( IPL 2025 )
रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड तोड़ते हुए चमके सूर्यवंशी, राजस्थान रॉयल्स ने 15.5 ओवर में किया 210 रनो का पीछा
IPL में तीसरी ही पारी खेल रहे युवा बल्लेबाज़ सूर्यवंशी ने ऐसा धमाका कर दिया कि सबकी निगाहें उन पर टिक गईं। युवा बल्लेबाज़ सूर्यवंशी ने एक ही पारी में रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी! वो T20 क्रिकेट के सबसे कम उम्र में शतक बनाने वाले खिलाड़ियों में शामिल हो गए। साथ ही, IPL इतिहास में महज़ 35 गेंदों में दूसरा सबसे तेज़ शतक लगाने का कारनामा भी कर दिखाया।
इतना ही नहीं, उन्होंने एक भारतीय खिलाड़ी के तौर पर IPL में एक पारी में सबसे ज्यादा 11 छक्के भी जड़ दिए। उनके 101 में से 94 रन चौकों और छक्कों से आए, यानी बाउंड्री से रन बनाने का सबसे ऊंचा प्रतिशत भी उन्हीं के नाम हो गया।
और हां, सबसे जरूरी बात — उन्होंने अपनी इस तूफानी बल्लेबाज़ी से राजस्थान रॉयल्स (RR) के लिए 210 रनों के बड़े लक्ष्य को सिर्फ 15.5 ओवर में चेज करवा दिया।
सच कहें तो सूर्यवंशी की इस धमाकेदार पारी ने RR को न सिर्फ जीत दिलाई, बल्कि टीम के आत्मविश्वास को भी जबरदस्त बूस्ट दिया है।
सूर्यवंशी के कुल 101 रनों में से 94 रन सिर्फ चौकों और छक्कों से आए! उन्होंने 11 शानदार छक्के लगाए, जो IPL में किसी भारतीय द्वारा एक पारी में सबसे ज्यादा छक्कों के रिकॉर्ड की बराबरी है। सात इंटरनेशनल बॉलर्स वाली मजबूत गेंदबाज़ी आक्रमण के खिलाफ सूर्यवंशी का इरादा और पावर दोनों ही कमाल के रहे। जैसे ही वह प्रसिद्ध कृष्णा की गेंद पर 101 रन बनाकर आउट हुए, राजस्थान रॉयल्स (RR) लगभग 211 रनों के बड़े लक्ष्य को हासिल कर चुका था।
उनके जोड़ीदार यशस्वी जायसवाल ने 40 गेंदों में 70* रन बनाकर और कप्तान रियान पराग के साथ मिलकर आठ विकेट और 25 गेंद शेष रहते जीत पक्की कर दी।
इस जीत के साथ RR 6 पॉइंट्स और 8th पोजीशन पे है । सूर्यवंशी की इस पारी के चलते जो जीत RR को मिली है इसकी वजह से उनकी टॉप 4 में जाने की उम्मीद अभी भी कायम है । (POINTS TABLE देखने के लिए यहाँ क्लिक करें )
मैच के बाद प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड लेते हुए सूर्यवंशी ने कहा,
“बहुत अच्छा लग रहा है। IPL में तीसरी पारी में ही पहला शतक लगा दिया। पिछले तीन-चार महीनों से जो मेहनत कर रहा था, उसका नतीजा अब दिख रहा है। मैं ग्राउंड नहीं देखता, बस बॉल पर फोकस करता हूं। यशस्वी के साथ बैटिंग करना आसान हो जाता है क्योंकि वो हमेशा पॉजिटिव रहता है और सलाह देता रहता है। IPL में शतक लगाना एक सपना सच होने जैसा है। कोई डर नहीं है, सिर्फ अपने खेल पर फोकस है।”
दिलचस्प बात ये है कि अगर संजू सैमसन फिट होते तो शायद सूर्यवंशी को प्लेइंग इलेवन में मौका ही नहीं मिलता। सैमसन के चोट के चलते बाहर होने के बाद सूर्यवंशी को ओपनिंग का चांस मिला, और उन्होंने अपनी तीन पारियों में 34, 16 और 101 रन बनाए।
IPL से पहले भी सूर्यवंशी ने शानदार प्रदर्शन किया था — ऑस्ट्रेलिया अंडर-19 के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 58 गेंदों में शतक ठोका था, जो यूथ टेस्ट में किसी भारतीय का सबसे तेज़ शतक है। इसके अलावा अंडर-19 एशिया कप में भी उनके बल्ले से दो हाफ सेंचुरी निकली थीं, और बिहार में अंडर-19 टूर्नामेंट के दौरान उन्होंने एक नाबाद तिहरा शतक (300*) भी ठोका था।
यानी साफ है, यह खिलाड़ी भविष्य में और भी बड़े कमाल दिखाने वाला है!